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दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह 'नाथ'
हिन्दी आ भोजपुरी अप्रतिम सेवक बाबू दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह ‘नाथ’ के जनम दिसंबर, 1896में माघ महीना के अन्हारी एकादशी का दिने बाबू विश्वनाथ प्रसाद सिंह के सपूत का रूप में ओह घरी के शाहाबाद जिला के दिलीपपुर गांव में भइल रहे. उहांके बाबा नर्मदेश्वर प्रसाद सिंह ‘ईस’ आधुनिक भोजपुरी के पहिल कवि मानल जानीं.एहू ऐतिहासिक तथ के चरचा होला कि ‘ईस’जी के परदादा बाबू रणबहादुर सिंह आ बाबू कुंवर सिंह के बाबा बाबू उमराव सिंह एकलाद के भाई रहनीं.कवित्त रचे में ‘ईस’जी के कवनो सानी ना रहे
![भोजपुरी लोक गीत में करुण रस](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
भोजपुरी लोक गीत में करुण रस
"भोजपुरी लोक गीत में करुण रस" (The Sentiment of Compassion in Bhojpuri Folk Songs) एक रोचक और साहित्यपूर्ण विषय है जिसमें भोजपुरी भाषा और सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से लोक साहित्य का अध्ययन किया जाता है। यह विशेष रूप से भोजपुरी क्षेत्र की जनता के बी
![भोजपुरी लोक गीत में करुण रस](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
भोजपुरी लोक गीत में करुण रस
"भोजपुरी लोक गीत में करुण रस" (The Sentiment of Compassion in Bhojpuri Folk Songs) एक रोचक और साहित्यपूर्ण विषय है जिसमें भोजपुरी भाषा और सांस्कृतिक विरासत के माध्यम से लोक साहित्य का अध्ययन किया जाता है। यह विशेष रूप से भोजपुरी क्षेत्र की जनता के बी
![भोजपुरी के कवि और काव्य](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
भोजपुरी के कवि और काव्य
लेखक आ शोधकर्ता के रूप में काम कइले बानी : एह किताब के तइयारी शोधकर्ता श्री दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह कइले बाड़न. किताब के सामग्री : १. एह किताब में भोजपुरी के कवि आ कविता के चर्चा कइल गइल बा, जवना में भारतीय साहित्य में ओह लोग के योगदान पर जोर द
![भोजपुरी के कवि और काव्य](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
भोजपुरी के कवि और काव्य
लेखक आ शोधकर्ता के रूप में काम कइले बानी : एह किताब के तइयारी शोधकर्ता श्री दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह कइले बाड़न. किताब के सामग्री : १. एह किताब में भोजपुरी के कवि आ कविता के चर्चा कइल गइल बा, जवना में भारतीय साहित्य में ओह लोग के योगदान पर जोर द
![दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह 'नाथ' की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
![दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह 'नाथ' की डायरी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)