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विद्या भूषण सिंह के बारे में

बचपन से साधु-संगत आ भजन-कीर्त्तन से लगाव रहऽल । बाल्यकाल में लोक-कवि भिखारी ठाकुर से रामचरितमानस-पाठ के प्रेरणा मिलल । बाबूजी (स्व० फूलेना सिंह) का कीर्त्तन-भजन के अमिट छाप मन-मस्तिष्क पर पड़ल, भिखारी ठाकुर के रचना बिदेशिया आ रघुनाथ चौबे के रचना सनेहिया खूब पढ़लीं । रामचरितमानस से बचपन से लगाव रहल। एह सब के प्रभाव से भक्ति-काव्य लिखे के प्रेरणा मिलल । बाबूजी (स्व० फूलेना सिंह, धर्मपत्नी स्व० सरोज देवी आ भईया डॉ० चन्द्रशेखर सिंह) के निधन हृदय पर गहिर चोट देलस । ओह लोग का वियोग में कइगो शोक गीत लिखाइल । ऐने आके सत्येन्द्र नाथ सिंह दूरदर्शी, जौहर शफियाबादी आ संत कुमोर सिंह का संगत से कोरोना काल में रचना करके बहुत प्रेरणा मिलल । देखते-देखते कइगो काव्य पुस्तकन के रचना हो गइल। सब के नाम कवि-परिचय में अंतिम पृष्ठ पर देहल बा ।

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अभी तक कवनो प्रमाणपत्र नइखे मिलल

विद्या भूषण सिंह के किताब

भूषण भजनावली

भूषण भजनावली

बाबू जी (स्व० फुलेना सिंह) का कीर्तन भजन के छाप हमरा बालक-मन पर खूब पड़ल। लड़िकाइएँ से कविता, गीत-गवनई आ कथा-कहानी में मन रमे लागल। विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम होखे त, खुलके भाग लीं। विद्यार्थिये जीवन से कुछ-कुछ लिखके दोस्तन के सुनाई । आगे चलके

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भूषण भजनावली

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भूषण हनुमत-गाथा

भूषण हनुमत-गाथा

"भूषण हनुमत गाथा" हिन्दी साहित्य के एगो महाकाव्य कथा ह जवना में हिन्दू पौराणिक कथा के पूज्य हस्ती हनुमान जी के वीरकर्म के बखान बा। एह काव्य रचना में हनुमान जी के ताकत, भक्ति, आ अटूट निष्ठा के जश्न मनावल गइल बा, खास कर के महाकाव्य रामायण में उनुकर अहम

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भूषण हनुमत-गाथा

भूषण हनुमत-गाथा

"भूषण हनुमत गाथा" हिन्दी साहित्य के एगो महाकाव्य कथा ह जवना में हिन्दू पौराणिक कथा के पूज्य हस्ती हनुमान जी के वीरकर्म के बखान बा। एह काव्य रचना में हनुमान जी के ताकत, भक्ति, आ अटूट निष्ठा के जश्न मनावल गइल बा, खास कर के महाकाव्य रामायण में उनुकर अहम

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विद्या भूषण सिंह के लेख

भजन-६३

24 January 2024
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चलऽ चलऽ चलऽ मन रामजी का देश में । देश में तू रहऽ चाहे रह परदेश में ।। चलऽ चलऽ...।। उहवाँ ना भेदभाव उहवाँ ना झगड़ा, केहू का ना होला उहाँ केहू से रगड़ा । केहू के ना मन रहे जहँवा कलेश में ।। चलऽ चलऽ...।

भजन-६२

24 January 2024
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चलऽ चलऽ चलऽ ना तऽ होखता अबेर । कुछ दिन रहेके बा बीत गइल ढ़ेर ।। चलऽ चल ऽ...।। उजर भइल केश, दाँत टूट भहराइल । अंखिया के जोत जाता तोहरा ओराइल ।। रोज-रोज राम के लगावऽ खूब टेर । चलऽ चलऽ चलऽ ना तऽ होखता अ

भजन-६१

24 January 2024
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भजनिया सीताराम के करऽ, एक दिन जाये के पड़ी । बस केहू के ना चली, पीछे पछताय के पड़ी ।। भजनिया.....!! बाड़ऽ दू दिन के मेहमान, छोड़ दऽ झूठा अभिमान । अंत में धरती का बिछवना पर लोटाये के पड़ी ।। भजनिया...

भजन-६०

24 January 2024
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कलि में राम नाम आधार ।। टेक...।। जनम जनम से भटकत बाड़ऽ, करि-करि लाख बहाना । राम नाम बिन मिटी ना संकट, छुटी ना आना-जाना ।। टेक...।। साधन सफल ना होई कवनो, मरबऽ फोर कपार । राम के होके नाम जपऽ तब, हो जइ

भजन-८६

24 January 2024
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ए दुलहा तनि एक बेर बोलऽ । भगिया के बंद ताला बोलके तू खोलऽ ।। धन-धन भाग बाटे मिथिलापुर बासी के । दुलहा रूप में दर्शन भइल अलख अविनाशी के ।। अगजग डोलावेलऽ तू मण्डप में डोलऽ । ए दुलहा तनि एक बेर बोलऽ ।।

भजन-८८

24 January 2024
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धन-धन मिथिला के भाग, दुलहा बनि राघो जी अइले ।। टेक...।। साँवली सुरतिया इनकर मोहनी मुरतिया, देखि देखि राजा जी के बदलल मतिया । मिथिला के लोग सब देखि अगरइले ।। दुलहा बनि...।। साँवर-साँवर गोर-गोर दुलहा

भजन-८७

24 January 2024
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हरदम चढ़ऽ मन नाम के जहाज पर । पकिया भरोसा राखऽ गुरु महाराज पर ।। महिमा बा नाम के नामियो से भारी, मानस में तुलसी जी कहले बिचारी। आवेलन राम जी दीन के आवाज पर ।। हरदम चढ़ऽ...11 गुरु हनुमान तोहर समरथ भर

भजन-८६

24 January 2024
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ध्रुव प्रहलाद तरि ग्राह से उबारी गज, शबरी जटायु आ विभीषण के तरलऽ । अधम अजामिल के पाक कइ दिहलऽ, अमीत अधम के तू भव से उबरलऽ । नानक कबीर सूर तुलसी के पीर हरि, मीरा नामदेव बाल्मीकि क सुधरलऽ । दया के सु

भजन-८५

24 January 2024
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ज्ञान ध्यान होई नाहीं घोर कलजुगवा में, सीताराम नाम जप बहुते आसान बा । शिव सनकादि मुनि सिद्ध लोग जपे इहे, नानक कबीर सूर तुलसी के प्राण बा । राम नाम जप से त सभे सहमत बाटे, वेदवा पुराणवा में लिखल प्रमा

भजन-८४

24 January 2024
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नरक के पंथ कुसंग तजि, सतसंग में बइठे के बान लगावऽ । काम-कथा तजि राम-कथा कह, जीभ के अपना पवित्र बनावऽ ।। रटि-रटि राम के नाम सदा, हियरा में तू ग्यान के जोत जगावऽ । 'भूषण' के मन कान करऽ, अब लोक सु

एगो किताब पढ़ल जाला

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