बलभद्र जी के आलोचनात्मक आलेख भोजपुरी आ हिंदी के पत्र-पत्रिकन में समय-समय पर छपत रहल बा। भोजपुरी साहित्य प भोजपुरी में लिखल आलेखन के एह किताब ‘भोजपुरी साहित्य: हाल-फिलहाल’ में पढ़ल जा सकेला। ‘भोजपुरी साहित्य: हाल-फिलहाल’ में लेखक के ओर से प्रस्तुत तथ्यन के आधार पर ई पक्का विश्वास बा कि एह के पढ़ि के पढ़वइया के आलोचना आ आत्मालोचना के दृष्टि बनी-बिकसी आ भोजपुरी आलोचनो समृद्ध होई। Read more