भोजपुरी के आचार्य कवि पं. धरीक्षण मिश्र एक सच्चे शब्द-साधक थे। एक सच्चे कवि थे। उनके कवित्व के कारण बड़े-बड़े विद्वानों के साथ तमकुहीराज के तत्कालीन राजा स्वनाम धन्य इंद्रजीत प्रताप साही भी बहुत आदर करते थे। पं. धरीक्षण मिश्र की प्रथम पुस्तक 'शिव जी के
NA
NA
NA
NA
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
‘कविता कमाल के’ आ ‘कहानी कमाल के’ सफलता के बाद एकर तीसरी कड़ी ‘गीत कमाल के’ नाम से आप सब के आज सामने बा। एह साझा संकलन में जे वर्तमान आ दिवंगत कवि लोगन के गीतन के शामिल करे के मोका मिलल बा ओह सब गीतकारन के प्रति हम सादर माथा झुका के प्रणाम करत बानी।
NA
NA
.. Read more
'कुल्हि सोरह अध्याय में बँटाइल डॉ. रंजन विकास के आत्म-संस्मरण 'फेर ना भेंटाई ऊ पचरुखिया' के लेखक आखिर में परिशिष्ट के तहत अपना बाबूजी के रचना-संसार पर रोशनी डलले बाड़न, जेकरा से उन्हुका साहित्यिक संस्कार विरासत में सहजे भेंटाइल रहे। मानव चुँकि स्मृति
आदरणीय बरमेश्वर सिंह जी द्वारा लिखित हिंदी और भोजपुरी निबंध, समीक्षा और संस्मरणों का संग्रह 'बट-वृक्ष' का कुशल सम्पादन डॉ विष्णुदेव तिवारी जी और दिलीप कुमार जी द्वारा किया गया है। पुस्तक का आवरण आदरणीया अपाला वत्स जी ने तैयार किया है। Read more
Noon-Tail (Bhojpuri Play Collection) by Rajesh Kumar Manjhi is all about the sufferings of the down trodden section of the society especially the women of the society who are cheated & exploited at all places sometimes forcefully and sometimes emotio