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भोजपुरी के आचार्य कवि पं. धरीक्षण मिश्र एक सच्चे शब्द-साधक थे। एक सच्चे कवि थे। उनके कवित्व के कारण बड़े-बड़े विद्वानों के साथ तमकुहीराज के तत्कालीन राजा स्वनाम धन्य इंद्रजीत प्रताप साही भी बहुत आदर करते थे। पं. धरीक्षण मिश्र की प्रथम पुस्तक 'शिव जी के
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‘कविता कमाल के’ आ ‘कहानी कमाल के’ सफलता के बाद एकर तीसरी कड़ी ‘गीत कमाल के’ नाम से आप सब के आज सामने बा। एह साझा संकलन में जे वर्तमान आ दिवंगत कवि लोगन के गीतन के शामिल करे के मोका मिलल बा ओह सब गीतकारन के प्रति हम सादर माथा झुका के प्रणाम करत बानी।
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आदरणीय बरमेश्वर सिंह जी द्वारा लिखित हिंदी और भोजपुरी निबंध, समीक्षा और संस्मरणों का संग्रह 'बट-वृक्ष' का कुशल सम्पादन डॉ विष्णुदेव तिवारी जी और दिलीप कुमार जी द्वारा किया गया है। पुस्तक का आवरण आदरणीया अपाला वत्स जी ने तैयार किया है। Read more