
Dharikshan Mishra
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Shiv Ji Ke Kheti
भोजपुरी के आचार्य कवि पं. धरीक्षण मिश्र एक सच्चे शब्द-साधक थे। एक सच्चे कवि थे। उनके कवित्व के कारण बड़े-बड़े विद्वानों के साथ तमकुहीराज के तत्कालीन राजा स्वनाम धन्य इंद्रजीत प्रताप साही भी बहुत आदर करते थे। पं. धरीक्षण मिश्र की प्रथम पुस्तक 'शिव जी के

Shiv Ji Ke Kheti
भोजपुरी के आचार्य कवि पं. धरीक्षण मिश्र एक सच्चे शब्द-साधक थे। एक सच्चे कवि थे। उनके कवित्व के कारण बड़े-बड़े विद्वानों के साथ तमकुहीराज के तत्कालीन राजा स्वनाम धन्य इंद्रजीत प्रताप साही भी बहुत आदर करते थे। पं. धरीक्षण मिश्र की प्रथम पुस्तक 'शिव जी के

कवनो लेख ना मिलल
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