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Shiv Ji Ke Kheti

Dharikshan Mishra

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23 March 2023 पर पूरा भइल
आईएसबीएन नंबर : 9789390502677
पर भी उपलब्ध बा Amazon

भोजपुरी के आचार्य कवि पं. धरीक्षण मिश्र एक सच्चे शब्द-साधक थे। एक सच्चे कवि थे। उनके कवित्व के कारण बड़े-बड़े विद्वानों के साथ तमकुहीराज के तत्कालीन राजा स्वनाम धन्य इंद्रजीत प्रताप साही भी बहुत आदर करते थे। पं. धरीक्षण मिश्र की प्रथम पुस्तक 'शिव जी के खेती' 1977 में प्रकाशित हुई थी। अब इस पुस्तक का पुनः प्रकाशन तमकुहीराज परिवार द्वारा किया जा रहा है। साहित्य-प्रिय तथा 'कर्ल्सरुहे इन्स्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जर्मनी' के वैज्ञानिक डॉ. वैदूर्य प्रताप साही द्वारा यह पहल किया गया। यह राजपरिवार की ओर से कविजी का सम्मान ही है। 44 वर्ष बाद पुस्तक 'शिव जी के खेती' का पुनर्प्रकाशन हुआ है। Read more 

Shiv Ji Ke Kheti

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धरीक्षण मिश्र के लिखल "शिव जी के खेती" भगवान शिव से जुड़ल कृषि प्रथा के मनमोहक खोज बा। मिश्रा प्राचीन बुद्धि आ आधुनिक तकनीक के निर्बाध रूप से बुनले बाड़न, जवना में परमात्मा से प्रेरित खेती के एगो अनूठा दृष्टिकोण पेश कइल गइल बा. एह किताब में ना खाली टिकाऊ खेती के बहुमूल्य जानकारी दिहल गइल बा बलुक एह भूमि आ पूज्य देवता के बीच के आध्यात्मिक संबंध के बारे में भी गहराई से बतावल गइल बा। मिश्र जी के लेखन जानकारीपूर्ण आ आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करे वाला दुनु बा जवना से खेती आ प्राचीन परंपरा के चौराहा में रुचि राखे वाला लोग खातिर ई किताब जरूर पढ़ल जा सकेला।

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