बचपन से साधु-संगत आ भजन-कीर्त्तन से लगाव रहऽल । बाल्यकाल में लोक-कवि भिखारी ठाकुर से रामचरितमानस-पाठ के प्रेरणा मिलल । बाबूजी (स्व० फूलेना सिंह) का कीर्त्तन-भजन के अमिट छाप मन-मस्तिष्क पर पड़ल, भिखारी ठाकुर के रचना बिदेशिया आ रघुनाथ चौबे के रचना सनेह