चौदह वर्ष वनवास काटी अइलन अपनी भवनमा राम अइलन भवनमां हो अइलन भवनमां देखी देखी खुश भइलन सारा जहनमां राम अइलन अमगनमां खुश भइल हमरो मनवां राम अइलन भवनमां माता कौशिल्या के सीता सुकुमारी जनक की बेटी राजदुलारी हमार खुश भइल मनवां राम अइलन भवनमां घर घर दीपक जले जले चारो ओरी नगर में डंका बजे प्रजा छोडे छिछोडी चारो ओर बजेल राम के बधाई राम अइलन भवनमां मन खुश भइलन ! कवि-क्रान्तिराज दिनांक-10-11-23