तोहर सुघरल जवानी हमरा भा गइल हो तु जब मुस्कुरालु दिल में छा जइली हो मन के कैसे मनाई दिल उतर गइल हो हमरा आंगन की खुशी बन के कब अइवु हो . चांद तारो से कहां मत देख हमरा के रातरानी की जैसे मन के
तोहार किरिया हम न ससुरा में जैबे ससुरा न जैबे हो ,ससुरा न जैबे तोहार किरिया हम न ससुरा में जैबे बचपन में खेलली माई आंगनमा बचपन से रहली एक ही सपनवां अपनी कर्म से गंगा नेहइवे तोहार किरिया हम न ससुरा में जैबे अंगुली पकड के चलेल सिखइले रात भर जागी