जइसे-जइसे तिरंग नीला आसमान के खिलाफ उभरत बा, आ हवा में राष्ट्रगान के गूंज गुंजत बा, भारत 2024 में आपन 75वां गणतंत्र दिवस मनावत बा, संविधान के अपनावे के तीन चौथाई सदी पूरा भइला के ई महत्वपूर्ण मौका बा, ई एगो अइसन दस्तावेज ह जवन... 1947 में आजादी मिलला के बाद से बहुत आगे निकलल एगो राष्ट्र के आकांक्षा, विविधता आ एकता के प्रतीक ह।
ऐतिहासिक महत्व के बा:
गणतंत्र दिवस ओह ऐतिहासिक पल के याद करेला जब भारत सरकार अधिनियम (1935) के जगह भारत के संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू भइल। एही दिन भारत अपना के सार्वभौमिक, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, आ लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में औपचारिक रूप से घोषित कइलस। संविधान के मसौदा बनावल एगो श्रमसाध्य प्रक्रिया रहे जवना के नेतृत्व डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आ दूरदर्शी नेता लोग के टीम जवन न्याय, स्वतंत्रता, समानता, आ भ्रातृत्व के सिद्धांतन पर आधारित राष्ट्र के कल्पना कइले रहे.
प्रगति आ उपलब्धि के जश्न मनावल:
जइसे-जइसे भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस के मील के पत्थर पर पहुँच रहल बा, दशकन से राष्ट्र के प्रगति पर चिंतन करे के मौका बा। कृषि के उन्नति से लेके तकनीक आ नवाचार में प्रगति तक भारत विभिन्न क्षेत्र में वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरल बा। अंतरिक्ष अन्वेषण, स्वास्थ्य सेवा, आ शिक्षा में मिलल उपलब्धियन से देश के प्रगति आ विकास के दीप के रूप में स्थापित कइल गइल बा.
एह में से एगो उल्लेखनीय उपलब्धि टीकाकरण अभियान बा जे आबादी के एगो महत्वपूर्ण हिस्सा के बिबिध बेमारी सभ से सफलतापूर्वक टीकाकरण कइले बा, जवना में वैश्विक महामारी से पैदा होखे वाली चुनौतियन से निपटे के जारी कोसिस भी सामिल बा। विज्ञान आ शोध पर जोर दिहल भारत के अइसन स्थिति में ले गइल बा जहाँ दुनिया के वैज्ञानिक ज्ञान में ओकर काफी योगदान बा।
विविधता में एकता के बारे में बतावल गइल बा:
भारत के सार एकर बिबिधता में बा आ गणतंत्र दिवस ओह एकता के मार्मिक याद दिलावत बा जवन राष्ट्र के भीतर सह-अस्तित्व में मौजूद बिबिध राज्य, भाषा, संस्कृति आ धर्म सभ के एक साथ बान्हे ला। गणतंत्र दिवस परेड के भव्यता देश के अलग-अलग हिस्सा के लोग के भागीदारी के माध्यम से एह एकता के देखावेला, जवन भारत के परिभाषित करे वाला सांस्कृतिक मोज़ेक के दर्शावत बा।
समावेशीता आ सामाजिक प्रगति के बारे में बतावल गइल बा:
भारतीय गणतंत्र के सफर में समावेशीता आ सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के चिन्हित कइल गइल बा। समानता आ न्याय के संवैधानिक गारंटी सकारात्मक कार्रवाई नीतियन के राह खोल दिहले बा जवना के मकसद हाशिया पर पड़ल समुदायन के उत्थान कइल बा. ऐतिहासिक रूप से वंचित समूहन खातिर शिक्षा, रोजगार, आ राजनीतिक प्रतिनिधित्व में जवन प्रगति भइल बा ऊ राष्ट्र के अधिका समान समाज बनावे के प्रतिबद्धता के गवाही बा.
चुनौती आ आकांक्षा: 1.1.
उपलब्धियन के जश्न मनावत घरी गणतंत्र दिवस भारत के सामने जवन चुनौती बा ओकरा के स्वीकार करे के मौका भी बा। गरीबी, पर्यावरण के चिंता, आ सामाजिक असमानता जइसन मुद्दा बनल बा आ एकर समाधान खातिर लगातार कोसिस के जरूरत बा। 75वां गणतंत्र दिवस संविधान में निहित आदर्शन के प्रति फेर से प्रतिबद्धता आ एह चुनौतियन से निपटे का दिशाईं सामूहिक रूप से काम करे के याद दिलावत बा.
अंतिम बात:
जइसे-जइसे तिरंग हवा में फड़फड़ात बा आ राष्ट्र एकजुट होके जश्न मनावे में खड़ा बा, गणतंत्र दिवस 2024 भारत के संप्रभु गणतंत्र के रूप में यात्रा में एगो महत्वपूर्ण मील के पत्थर बा। ई एगो मौका ह जवना में भइल प्रगति पर चिंतन कइल जाव, राष्ट्र के परिभाषित करे वाला विविधता के सराहना कइल जाव आ न्याय, स्वतंत्रता, समानता, आ भ्रातृत्व के सिद्धांतन के प्रति प्रतिबद्धता के नवीकरण कइल जाव. 75वां गणतंत्र दिवस सभे नागरिकन खातिर एगो आह्वान के काम करेला कि ऊ लोग एगो अउरी समावेशी, प्रगतिशील, आ सामंजस्यपूर्ण भारत के निर्माण में योगदान दे सके.