रोशनी के परब दिवाली भारत (भारत) में सबसे मनावल जाए वाला आ बेसब्री से प्रतीक्षित त्योहारन में से एगो ह। ई एगो जीवंत आ आनन्दमय अवसर ह जवन अन्हार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई आ अज्ञानता पर ज्ञान के जीत के निशानी ह। दिवाली के मुख्य दिन जहां देश भर में व्यापक रूप से मनावल जाला, उहें छोटी दिवाली से उत्सव के शुरुआत होखेला, जवना के नरका चतुर्दशी चाहे काली चौदास के नाम से भी जानल जाला। एह दिन के आपन महत्व आ संस्कार बा, जवन दिवाली के उत्सव के भव्यता में योगदान देला।
ऐतिहासिक आ पौराणिक महत्व:
छोटी दिवाली हिन्दू कैलेंडर के मोताबिक आश्विन महीना के अन्हार पखवाड़ा के चौदहवाँ दिन पड़ेले। छोटी दिवाली के उत्पत्ती बिबिध पौराणिक कथा सभ से बतावल जा सके ला, जिनहन में से एगो सभसे प्रमुख बा भगवान श्रीकृष्ण के नरकासुर राक्षस पर जीत।
हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार नरकासुर एगो शक्तिशाली राक्षस रहले जेकरा के एगो वरदान मिलल रहे जवना से उ अजेय हो गईल रहले। ऊ कई हजार राजकुमारियन के जेल में डाल के देवता लोग के चुनौती देबे के कोशिश कइले रहले. भयंकर युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर के हरा के बंदी राजकुमारियन के मुक्त कर दिहलें। नरकासुर के हार के दिन छोटी दिवाली के रूप में मनावल जाला जवन बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक ह।
संस्कार आ परंपरा के बारे में बतावल गइल बा:
छोटी दिवाली में कई गो संस्कार आ रीति-रिवाज के चिन्हित कइल जाला जवन भारत के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग होला। हालाँकि, पूरा देस में कुछ आम प्रथा सभ के देखल जाला:
1. अभ्यंग स्नान (तेल स्नान) : छोटी दिवाली के दिन सूरज उगला से पहिले लोग के तेल से नहाए के रिवाज बा। ई संस्कार शरीर के शुद्ध करे आ मन के शुद्ध करे वाला मानल जाला।
2. नरक चतुर्दशी पूजा : बहुत घर में एह दिन भगवान श्रीकृष्ण या देवी काली के समर्पित विशेष पूजा करेला। भक्त दीप आ धूप जरा के मिठाई चढ़ावेले आ समृद्ध आ सौहार्दपूर्ण जीवन खातिर आशीर्वाद माँगे के प्रार्थना करेलें.
3. पटाखा आ रोशनी : रोशनी के परब के रूप में घर आ आसपास के रोशन करे के महत्व के बढ़ा-चढ़ा ना कहल जा सके। लोग माटी के दीया जरा के, अपना घर के रंगीन रंगोली (रंगीन पाउडर से बनल कलात्मक पैटर्न) से सजावेला, आ अन्हार पर रोशनी के जीत के प्रतीक पटाखा फटकेला।
4. स्वादिष्ट आनंद : कवनो भारतीय त्योहार निहन छोटी दिवाली में भी स्वादिष्ट मिठाई अवुरी स्नैक्स के तैयारी अवुरी साझा कईल जाला। परिवार एकजुट होके कई तरह के खास व्यंजन बनावेला, जवना से त्योहार के भावना में बढ़ोतरी होखेला।
5. सामाजिक सभा : छोटी दिवाली परिवार आ दोस्तन के एकजुट होखे के समय होला। लोग एक दूसरा के घरे जाके उपहार के आदान-प्रदान करेला, आ मौसम के खुशी साझा करेला।
अपना समृद्ध ऐतिहासिक आ पौराणिक महत्व के साथ छोटी दिवाली भारत के दिवाली के उत्सव में एगो अनोखा आ जीवंत परत जोड़त बा। ई संस्कार, परंपरा, आ साझा आनन्द के गर्मजोशी से भरल दिन ह. जइसे-जइसे परिवार आ समुदाय एकजुट होके बुराई पर अच्छाई के जीत के जश्न मनावेलें, छोटी दिवाली दिवाली के बड़हन टेपेस्ट्री के अभिन्न अंग बन जाले, भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य के विविध ताना-बाना में प्रेम, प्रकाश, आ समृद्धि के बंधन बुनले।