भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस के याद करत घरी राष्ट्र के आकार देबे में अलग-अलग राज्यन के अहम भूमिका के स्वीकार कइल बहुते जरूरी बा. एहमें इतिहास आ सांस्कृतिक समृद्धि से डूबल राज्य बिहार भारत गणराज्य के विकास आ प्रगति में खास योगदान दिहले बा. स्वतंत्रता संग्राम से लेके आजादी के बाद के दौर तक राष्ट्र के विकास के विभिन्न पहलु में बिहार के प्रभाव के पता लगावल जा सकता।
पहिला राष्ट्रपति के जन्मस्थान :
भारत के पहिला राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जन्मभूमि होखे के गौरव बिहार में बा। राज्य के जेरादेई शहर के रहे वाला डॉ. प्रसाद भारतीय संविधान के मसौदा बनावे में एगो प्रमुख हस्ताक्षर रहले अवुरी गणतंत्र के शुरुआती साल के आकार देवे में अहम भूमिका निभवले रहले। इनके बिरासत पीढ़ियन के प्रेरणा देत रहे ला आ हर साल गणतंत्र दिवस मनावे के दौरान इनके योगदान के याद कइल जाला।
चंपारण सत्याग्रह आ स्वतंत्रता संग्राम :
भारत के आजादी के संघर्ष के ऐनाल्स में बिहार चंपारण सत्याग्रह से आपन जगहा कमा लिहलस। 1917 में महात्मा गांधी जी के ओर से शुरू भईल ए आंदोलन के मकसद नील किसान के दुर्दशा के दूर कईल रहे अवुरी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के लड़ाई में एगो मोड़ बन गईल। स्वतंत्रता आन्दोलन में राज्य के सक्रिय भागीदारी के अंत में गणतंत्र के स्थापना में काफी योगदान रहे|
शैक्षिक केंद्र आ बौद्धिक विरासत:
बिहार एगो बौद्धिक शक्तिपीठ रहल बा, कई गो दिग्गज पैदा कइले बा जे साहित्य, विज्ञान, आ राजनीति के क्षेत्र में अपार योगदान दिहले बा। बिहार में स्थित प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय एगो विद्या के केंद्र रहे जवन दुनिया भर के विद्वान लोग के अपना ओर आकर्षित करत रहे। राज्य के शिक्षा आ बौद्धिक साधना पर जोर गणतंत्र के बौद्धिक परिदृश्य के आकार देवे में अहम भूमिका निभवले बा।
राजनीतिक नेतृत्व के बा :
बिहार राष्ट्रीय स्तर प अहम भूमिका निभावेवाला राजनीतिक नेता के पोषण के मैदान रहल बा। आपातकाल विरोधी आंदोलन में आपन अहम भूमिका खातिर जानल जाए वाला जयप्रकाश नारायण अवुरी एगो प्रमुख समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस जईसन नेता बिहार से उभर के गणतंत्र के राजनीतिक इतिहास प अमिट छाप छोड़ले।
सांस्कृतिक टेपेस्ट्री के बारे में बतावल गइल बा:
बिहार के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जवन कि एकर परब, लोक परंपरा, आ ऐतिहासिक स्थल में झलकत बा, भारतीय राष्ट्र के विविध टेपेस्ट्री में योगदान देला। राज्य के सांस्कृतिक महत्व के राष्ट्रीय आयोजन के दौरान स्वीकार कईल जाला अवुरी मनावल जाला, जवना में गणतंत्र दिवस भी शामिल बा, जहां बिहार के विविधता के सांस्कृतिक प्रस्तुति अवुरी तालिका के माध्यम से देखावल जाला।
आर्थिक योगदान के बा :
बिहार के कृषि आ आर्थिक योगदान गणतंत्र के प्रगति के अभिन्न अंग बा। राज्य के उपजाऊ मैदान भारत के कृषि परिदृश्य के एगो महत्वपूर्ण हिस्सा रहल बा। हाल के सालन में आर्थिक विकास आ बुनियादी ढांचा पर ध्यान दिहल गइल बा जवना से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में बिहार के भूमिका अउरी मजबूत हो गइल बा.
सामाजिक पहल आ सशक्तिकरण के बारे में बतावल गइल बा:
बिहार सशक्तिकरण आ समावेशीता के मकसद से कई तरह के सामाजिक पहल में सक्रिय रूप से शामिल रहल बा। शिक्षा में सुधार के पहल से लेके महिला अधिकार के बढ़ावा देवे वाला कार्यक्रम तक गणतंत्र के सामाजिक ताना-बाना में योगदान देवे में राज्य के बहुत योगदान रहल बा।
अंतिम बात:
भारत गणराज्य में बिहार के बहुआयामी योगदान राष्ट्र के इतिहास अवुरी विकास में राज्य के महत्व के रेखांकित करता। गणतंत्र दिवस पर तिरंगा जइसे-जइसे उभरत बा, ई बिहार जइसन राज्यन के सामूहिक प्रयासन के मार्मिक याद दिलावत बा जवन भारतीय गणतंत्र के लोकतांत्रिक, विविधतापूर्ण, आ गतिशील टेपेस्ट्री के आकार देबे में अहम भूमिका निभवले बा. राज्य के ऐतिहासिक विरासत, राजनीतिक नेतृत्व, सांस्कृतिक समृद्धि, आ जारी योगदान राष्ट्र के प्रगति आ समृद्धि के सफर के अभिन्न अंग बनल बा।