भारतीय उपमहाद्वीप के बीचोबीच बसल बिहार इतिहास, संस्कृति, आ आध्यात्मिक महत्व में डूबल राज्य ह। प्राचीन साम्राज्य के सीट होखे से लेके भारत के आजादी के लड़ाई में अहम भूमिका निभावे तक के बिहार के ऐतिहासिक यात्रा एगो आकर्षक कथ्य बा जवन देश के सांस्कृतिक अवुरी राजनीतिक परिदृश्य प अमिट छाप छोड़ले बा।
प्राचीन काल के समय में:
बिहार के इतिहास के सुरुआत प्राचीन काल से लगावल जा सके ला, वैदिक ग्रंथ आ महाकाव्य सभ में, रामायण आ महाभारत में संदर्भ दिहल जा सके ला। मगध, प्राचीन राज्य जवन वर्तमान बिहार के बहुत हिस्सा के समेटले रहे, एगो शक्तिशाली राजनीतिक आ सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरल। इहाँ मौर्य वंश के महान सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के अपना लिहले आ भारत उपमहाद्वीप में आ ओकरा से बाहर भी एकर शिक्षा के प्रसार कइले।
नालंदा अउर विक्रमशिला :
बिहार प्राचीन भारत के दू गो सबसे पुरान आ यशस्वी विद्या के केंद्र – नालंदा आ विक्रमशिला के मेजबानी खातिर मशहूर बा। 5वीं सदी में स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया के अलग-अलग हिस्सा से विद्वान आ छात्र लोग के आकर्षित कइलस, जेकरा चलते ई बौद्धिक आ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के केंद्र बन गइल। एह संस्थानन के अवशेष शिक्षा आ ज्ञान प्रसार में बिहार के ऐतिहासिक भूमिका के गवाही के रूप में खड़ा बा।
मध्यकालीन काल के बा:
मध्यकालीन काल में बिहार के दिल्ली सल्तनत आ बाद में मुगल साम्राज्य के अभिन्न अंग के रूप में देखल गइल। ई इलाका आर्थिक आ सांस्कृतिक गतिविधि के केंद्र बनल रहल, जवना में ब्यापार के फलत-फूलल आ बिबिध परंपरा सभ के आत्मसात भइल।
चंपारण सत्याग्रह के बा :
भारत के आजादी के संघर्ष में बिहार के अहम भूमिका रहल, खास तौर प 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह के दौरान।दमनकारी नील रोपनी के खिलाफ इ आंदोलन ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई में एगो महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में चिन्हित कईलस अवुरी एकरा के बड़ गैर- हिंसक प्रतिरोध जवन अंततः भारत के आजादी के ओर ले गईल|
आजादी के बाद के दौर :
आजादी मिलला के बाद बिहार 1950 में एगो अलग राज्य के रूप में उभरल, हालांकि आजादी के बाद के दौर में मौका अवुरी चुनौती दुनो आईल। राज्य आर्थिक विकास के गवाह बनल, लेकिन ओकरा सामने गरीबी, बुनियादी ढांचा के कमी, अवुरी सामाजिक असमानता से जुड़ल मुद्दा भी भईल।
राजनीतिक परिदृश्य के बारे में बतावल गइल बा:
भारत के राजनीतिक परिदृश्य में बिहार प्रमुख भूमिका रहल बा। आपातकालीन दौर के एगो ऊँच हस्ती जयप्रकाश नारायण समेत कई गो प्रमुख राजनीतिक नेता बिहार से आइल रहले. राज्य कई तरह के राजनीतिक आंदोलन के गवाह रहल बा, जवन एकरा राजनीति के गतिशील प्रकृति के दर्शावत बा।
सांस्कृतिक विरासत के बारे में बतावल गइल बा:
बिहार के सांस्कृतिक धरोहर विविध परंपरा, त्योहार, आ कला रूप के मोज़ेक ह। ई राज्य छठ पूजा, सूर्य देव के पूजा जइसन जीवंत परब खातिर जानल जाला, जवना के बिहार के लोग खातिर अपार महत्व बा। अपना सादगी आ सुगंध से चिन्हित बिहारी व्यंजन भी राज्य के सांस्कृतिक पहचान के अभिन्न अंग ह।
हाल के घटनाक्रम:
हाल के सालन में बिहार में बुनियादी ढांचा, शिक्षा, आ स्वास्थ्य सेवा समेत विभिन्न क्षेत्रन में खास विकास भइल बा. राज्य समावेशी विकास के ओर प्रयासरत बा, चुनौती के सामना करत अपना ताकत के फायदा उठावत बा।
अंतिम बात:
बिहार के इतिहास एगो अइसन कथ्य ह जवन सहस्राब्दी में फइलल बा, जवन भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक-सांस्कृतिक आ राजनीतिक समोच्च के आकार देत बा. अपना माटी पर पनपल प्राचीन साम्राज्य से लेके स्वतंत्रता संग्राम में ओकर भूमिका तक बिहार ऐतिहासिक घटना के क्रूसिबल रहल बा। 21वीं सदी में राज्य के आगे बढ़त-बढ़त एकर समृद्ध विरासत प्रेरणा के स्रोत के काम करेला, जवन अपना लोग के एगो भविष्य के ओर ले जाला जवन प्रगति के अपनावेला जबकि अपना यशस्वी अतीत के गूंज के संजो के राखेला।