परिचय:
सशस्त्र बल के झंडा दिवस भारतीय सेना के महत्वपूर्ण अवुरी गौरवशाली घटना के याद करे खाती एगो अनोखा दिन ह। ई दिन हर साल 7 दिसंबर के मनावल जाला, जब भारतीय सेना पहिला बेर आपन झंडा फहरावलस। एह दिन के सशस्त्र बल के झंडा दिवस के रूप में अनमोल मानल जाला, जवना में सेना के वीर जवानन के हिम्मत आ बलिदान के याद कइल जाला।
इतिहास:
सशस्त्र बल के झंडा दिवस भारतीय सेना के इतिहास के एगो महत्वपूर्ण हिस्सा ह। 7 दिसंबर 1971 के भारत आ पाकिस्तान के बीच लड़ल गइल बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध) में भारतीय सेना जीत के झंडा फहरा दिहलस। एह सफलता के याद में सशस्त्र बल एह दिन के सेना के झंडा दिवस घोषित कर दिहलसि.
झंडा फहरावे के पल:
7 दिसम्बर 1971 के लाहौर से 45 किलोमीटर दूर विजयनगर नाम के जगह पर भारतीय सेना झंडा फहरा दिहलस। एह महत्वपूर्ण पल में भारतीय सेना के जवान भारत के गौरवशाली तिरंगी के ऊँचाई पर ले जाके देश के नाम अउरी महत्वपूर्ण बना दिहले। एह घटना से विजय दिवस मनावे के एगो नया अर्थ मिलल आ एकरा के सशस्त्र बल के झंडा दिवस के रूप में मनावल जाला।
उत्तेजना के बारे में बतावल गइल बा:
एह दिन के मनावे के मकसद सेना के वीर जवानन के बहादुरी आ बलिदान के याद ताजा राखल बा. सशस्त्र बल के झंडा दिवस भारतीय समर्पण आ देशभक्ति के प्रतीक ह जवन हर भारतीय खातिर गौरव के कारण बा।
मुख्य आयोजन:
सेना के झंडा दिवस के दिन सेना के विभिन्न कमांडो आ यूनिट सब फिक्स गोली आ समर्थन खातिर दूरदर्शी दृष्टिकोण से भरल रहेला। सेना के ताकत, योजना, आ मार्शल आर्ट के प्रदर्शन युद्ध के मैदान में चले के क्षमता में सुधार करे खातिर कइल गइल बा।