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कवि-परिचय

12 January 2024

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नाम : विद्या भूषण सिंह उर्फ कवि जी

जनम तिथि : 02 जनवरी, 1961

माता : श्रीमती सभा देवी

पिता : स्व० फुलेना सिंह (कीर्तनकार)

पत्नी : स्व० सरोज देवी जेकरा सहयोग, सेवा आ समर्पण से जीवन रथ के पहिया निरंतर आगे बढ़ल ।

शिक्षा : एम०ए० (हिन्दी), राजेन्द्र कॉलेज, छपरा

पदभार : प्राचार्य, पं० जवाहरलाल नेहरू कॉलेज, मढ़ौरा (सारण)

पता : पैतृक गाँव- छित्रौली, पोस्ट- कनार हरिहरपुर, थाना- खैरा, जिला (सारण) बिहार-841418 

भाई- अग्रज : स्व० डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, श्री शशिभूषण सिंह, श्री मणीभूषण सिंह

अनुज : श्री आनन्द भूषण सिंह, श्री बृजभूषण सिंह

बहन : अग्रजा- रमावती सिंह, प्रभावती सिंह

अनुजा : चन्द्रवती सिंह

सुपुत्र : बसंत कुमार सिंह (गोलू)

सुपुत्री : अर्चना कुमारी सिंह (पूजा) बन्दना सुप्रीति (सुमन) ।

वर्तमान पता : गया सदन, स्टेशन रोड, पकहाँ (मढ़ौरा), सारण

अभिरूचि : सत्संग-प्रवचन

मंच संचालक : हनुमत जयंती समारोह (छपरा) हनुमत पूजनोत्सव समारोह (मशरक)

राम कथावाचन स्थान

गड़खा, इसुआपुर, नगरा, बनियापुर, बसडीला, दिघवारा, मशरक, चैनपुर (बेगूसराय), बरहज (देवरिया), सिया-पिया मिलन महोत्सव, बक्सर, रमना मैदान (आरा), युग तुलसी, रामकिंकर उपाध्याय जयंती समारोह, बरेनी, मिर्जापुर, बौरी (चंदौली) (यू०पी०), अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़), रिसड़ा (कलकत्ता). ध्रुवा, हरमु (राँची), बोकारो, तारापीठ (कलकत्ता), कैलाश गुरूकुल, मोरारी बाबू आश्रम (गुजरात), अखिल भारतीय भ्रमणशील रामचरितमानस प्रसार मंडल संयुक्त नेपाल ।

दीक्षा गुरू :

श्रीश्री 108 श्री नृत्य गोपाल दास जी महराज दीक्षा स्थल : मणी रामदास जी की छावनी (अयोध्या) ।

आध्यात्मिक प्रेरणा के स्रोत: श्रीश्री 108 श्री सुदर्शन दास जी महराज (घोघिया आश्रम), मशरक, सारण (बिहार) ।

रचनायें :

1. भूषण हनुमत-गाथा (प्रकाशित),

2. भूषण रामायण (अप्रकाशित),

3. भूषण भजनावली (अप्रकाशित),

4. भूषण गीतावली (अप्रकाशित),

5. भूषण दोहावली (अप्रकाशित).

6. भूषण मुक्तावली (अप्रकाशित),

7. भूषण कुण्डलिया रामायण (अप्रकाशित)।

ॐॐॐ

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लेख
भूषण हनुमत-गाथा
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"भूषण हनुमत गाथा" हिन्दी साहित्य के एगो महाकाव्य कथा ह जवना में हिन्दू पौराणिक कथा के पूज्य हस्ती हनुमान जी के वीरकर्म के बखान बा। एह काव्य रचना में हनुमान जी के ताकत, भक्ति, आ अटूट निष्ठा के जश्न मनावल गइल बा, खास कर के महाकाव्य रामायण में उनुकर अहम भूमिका. श्लोकन में उनकर दिव्य चरित्र के सार आ महाकाव्य कथ्य के क्रम में उनकर गहिराह प्रभाव के खूबसूरती से समेटल गइल बा, जवन भक्ति, साहस आ निस्वार्थ सेवा के प्रतीक ह।
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भूषण हनुमत-गाथा

12 January 2024
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दोहा सीता राम सुरसती सदभाव भरीं, मंगल करीं गणेश । गौरी शंकर सुरुजदेव, रक्षा करीं भवेश ॥१॥ सोता राम दोहा गोता राम सोता राम गुरुदेवन के देव कपि, महाबीर हनुमान । लिखत बानीं राउर गाथा, मंगलदायक मान

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हनुमानजी के आरती

12 January 2024
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आरती करऽ मन वीर हनुमान के । हउँवे अवतार देव शंकर सुजान के ।।  अति बलवान गुण ज्ञान के निधान। रात दिन करेले ई रामगुण गान ।।  हिया में बसवले अपना श्री भगवान के। आरती करऽ मन वीर हनुमान के ।।  रामजी के

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कवि-परिचय

12 January 2024
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नाम : विद्या भूषण सिंह उर्फ कवि जी जनम तिथि : 02 जनवरी, 1961 माता : श्रीमती सभा देवी पिता : स्व० फुलेना सिंह (कीर्तनकार) पत्नी : स्व० सरोज देवी जेकरा सहयोग, सेवा आ समर्पण से जीवन रथ के पहिया निरंत

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