हमार गाँव 'नोनार' के जहवाँ के लोग आ माटी में रचल बसल गीत, 'गाँव गावे गीत' के गंवई गंध प्रदान करे में योगदान तऽ देबे कइल साथ ही गाँव से दूर बसल ई मनई के हृदय में गाँव बसा देलख जे आज ले आपन गंध में सराबोर कइले बा।
भोजपुरी में खूब लिखात बा। हर विधा पर कलम चल रहल बा। नीक जबून सब बा। रहबो करेला सब साहित्य में। ई कवनो नया नइखे। बाकिर समय के साथ-साथ साहित्य के मूल्यांकन होखे के चाहीं। कवनो नया चीज आवता त पाठकीय प्रतिक्रिया आवे के चाहीं। ऐकरा से हमार साहित्य कतना पा