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गुरही जिलेबी

22 November 2023

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अब कहाँ चलता? बाकी इयाद बा नू गांवे के छठ मेला होखे भा मस्जिद त के ईद मेला चाहे कचनथ के शिरात मेला हमनी के गुरही जिलेबी खातिर साथे जात रहीं जा। ललन पटना अपना डेरा पर रमेश, जे गांवही के लइकाई के इयार रहन, से पुरान दिन के इयाद करावत कहले कि आपन गांव सातो डिहरी हिन्दू मुस्लिम प्रेम के अनूठा उदाहरण रहे। रोजी रोटी खातिर नौकरी के चक्कर में गांव भले छूट गइल बाकिर प्राण आजो ओहिजे बसेला।

भोजपुर जिला के सोतो डिहरी नामी गांव ह। सात टोला के गांव। सब जात के लोग बसेला। हिन्दू बहुतायत में बाड़न बाकिर मुस्लिमो कम ना। गांव के पूरब बावन बिगहा के पोखरा जेकर पूरबारी पिड़ पर चइत अउर कार्तिक दूनो छठ में बरियार मेला लागेला। गांव के पूरबे भ गांव से एक किलोमीटर हटके मिलकी पर मस्जिद बा जहाँ ईद में मेला लागेला।

तोहरा मालूम ना होई, तू त बाबू जोरे बहरे रह के पढ़ल लिखल खाली परब त्योहार में त गांवे आवत रह। ललन चा के बाबूजी तुफानी बाबा गांव के जेठ रइयत रहन। गांवे ना जवारो में तूती बोलत रहे। गजब के साम्प्रदायिक सौहार्द रहे गांव में अब कहां दिखता। शहर के कहो गांवों से प्रेम भाईचारा भाग चलल बा। जहां घृणा बजारे बिकाता मुफ्त में उपर से दामों भेंटाता ओहिजा महंगा प्रेम के खरिदारे नइखन।

ललन चा बतावत रहन कि ताजीया के जुलूस मियां टोली से ना कहार टोली चौक से शुरू होता रहे। हिन्दू मुस्लिम के जुटान हो गइला पर तुफानी बाबा अउर टोला पर के मस्जिद मियां लाठी खेल के जुलूस आगा बढ़ावत रहन जा। छठ के घाट पर राती खा नाटक मुस्लिम लोग करते रहे। घाटे पर लागल मेला से सांझी का तीन किलो गुरही जिलेबी मंगा के मंदिर भीरी चउकी पर बइठ मस्जिद मियां अउर तुफानी बा देखते देखत चट कर जाते रहे लोग। ईद के मेला में मिलकी में तुफानी बाबा ना जाता रहन बाकी घरे के लड़िकन जरूर जाते रहन स। हमहू ललन चा जोरे जाता रहीं हर साल। ललन चा के हाथे दू किलो गुरही जिलेबी मस्जिद मियां तुफानी बाबा खातिर जरूर भेजते रहन। सांच पूछ त गांव में गुरही जिलेबी मिठाई से बढ़के प्रेम के प्रतीक रहे।

सुनला हा ना गांवे के समाचार?

ना। कवनो नया बात भइल हा का? कवना दुनिया में रहेल। छठे से गांव में चउवालिस लागल बा।

का भइल हा हो।

ललन चा के बेटा रमेश छठ के मेला में उधारी साह के दुकान पर गुरही जलेबी खात रहे बगल में मस्जिद मियां के नाती रहमानो खात रहे। गलती से रहमान के एगो जिलेबी के टुकड़ा छटक के रमेश के प्लेट में चल गइल। रमेश पट देनी उठ के रहमान के गाली दे देलन। रहमान कहलन माई बहिन जन कर जान के नइखी फेकले। जबाब देत देख रमेश आपा खो के लाठी चला देलन। आज के लड़िका रहमान से बर्दाश्त ना भइल उठा के पटक देलस। बरियार रहले रहे बड़ा मार मरलस। रमेश कसहूं जान बचा के भगले बाकिर लगले दस गो लड़िकन के लेके रहमान पर टूट पड़लन। देखते देखते गांव दू भाग में बँट के जूझ पढ़ल एक दोहरा से। देखते देखत लड़ाई साम्प्रदायिक दंगा के रूप ले लेलस। ऊ त भल कह मेला के चलते थाना ओहिजे रहे अउर फोर्स बुला लेलस त कसहूं मामला शांत पड़ल। प्रशासन के फोर्स मजिस्ट्रेट गांव में कैम्प कइले बा त गांव उपर से शांत बा बाकिर अंदरे अंदर सुलगता।

सांच कहल गइल बा समय के साथ परिवर्तन होला। जवन गुरही जिलेबी काल प्रेम भाईचारा बढ़ावा के प्रतीक रहे आज दुश्मनी के बीज रोप देलस। सांच पूछीं त दोष गुरही जिलेबी के नइखे लोग के मानसिकता के बा। जवन रोपब उहे नू काटब। दोष हमनीये के बा। हमनी के आज के पिढ़ी के दिमागे में नफरत, घृणा के बीज बचपने में भर दे तानी जा त प्रेम कहां उपज पाई। गांवे में ना हर घर में रमेश रहमान पैदा हो जइहन आवे वाला दिन में। गुरही जिलेबी का रसगुल्लो नीक ना लागे जब मन ना मिले।

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लेख
ठाकुर जी के मठिया
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लखन जस अनुज कंचन जेह पर हमारा नाज बा, उनके हाथ में सस्नेह!
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जहर

20 November 2023
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जानू दा। पूरा नाम जमालुद्दीन खान। मिलकी पर के जमींदार। सांझी खा दलान पर जब बैठकी में बइठस त गाँव के हिन्दू मुसलमान सभे जुटत रहे। जुटे काहे ना, वेद कुरान से लेके रामायण महाभारत के संगे चरचा होखे। संप्र

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ठाकुर जी के मठिया

20 November 2023
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संउसे गांव में मिठाई बंटात देख के ललन बिदेशी ठाकुर से पुछलन कि केकर बायन बंटाता हो। बिदेशी कहलन सुननी हा ना बड़का गउवाँ के बेटा अवधेश कलक्टर बनले हा ओकरे मिठाई बंटाता। रउवा त जानते बानी दिल्ली रह के त

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रजमतिया

20 November 2023
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रजमतिया ठेठ देहाती औरत। ओकर मरद उमेश पासवान कतरास कोलियरी में मजदूर के काम करत रहे। जीद क के गांवे से मरद के साथे कतरास आ गइल। दूगो लइकन के साथे परिवार के गाड़ी कसहूँ चलत रहे। कोलियरी ओह घड़ी निजी मलक

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फूलवा

20 November 2023
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छूट्टी के दिन एतवार के ड्राइंग रूम में बइठल ललन पेपर देखत रहन कि कॉलबेल के आवाज कान में पड़ल। उठ के दरवाजा खोललन त गांव के रामदास कहार पर नजर पड़ल। बड़ा सबेरे सबेरे। आव आव भीतरिये चल आव। बोरवो भीतरए ढ

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सुनैना भउजी

21 November 2023
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सुनैना बियाहे उतरली तऽ बियाह के घर भरल मिलल। कहीं तील धरे के जगह ना। हँसी ठिठोली के माहौल, काली पुजाई, चउठारी के रसम में दिन कइसे कट जात रहे पता ना चल पावत रहे। चार पांच दिन में सब हित नाता के जाते गा

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हरित नायिका

21 November 2023
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सुमन मुंडा, परसाबाद ग्राम वन संरक्षण अउर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सरायकेला जिला परिषद सदस्य, राष्ट्रीय वृक्ष मित्र 2018 पुरस्कार से पुरस्कृत, 'हरित भूमि' गैर सरकारी संगठन की अध्यक्षा। सुमन के आज इहे

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राधा

21 November 2023
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राधा अउर सतीश साथे पढ़त रहे लोग। ऊ दूनों के दोस्ती कब प्रेम में बदल गइल ई दुनों के पता ना चलल। साँच भी ह प्रेम त आराधना ह जे आराध्य से कब एक कर देला ई पता कहाँ चलेला। दूनों साथे जीये मुये के कसम ले

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सुगिया गिरी मुरझाय

21 November 2023
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सुगिया रामनाथ कँहार के चउथकी बेटी । उहे रामनाथ जे हमरा पटीदार कौशल भाई किहां बनिहार रहन। सुगिया के माई हमरो घर के गोबर गोइठा के साथे बरतन पानी के काम देखत रहे। रामनाथ उमिर में बड़ रहन एह नाता उनका के

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नूर मियां

21 November 2023
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काल ढ़ेर दिन पर आरा से गांव गइल रहीं। भोरे बधार से फर फराकित होके लौटत खा रस्ता में ललन पांडे से भेट हो गइल। प्रणाम पंडित जी। कब आसन आइल हा जजमान। काल साँझी खा अइनी। ई का सुनतानी नूर मियां के बारे

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श्रद्धा के फूल

21 November 2023
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रामचरन अपना गांव के हाई स्कूल के नउवा वर्ग के विद्यार्थी रहन। बात सन बहतर के ह। बड़ा गरीब घर के लड़िका बाकिर पढ़े में वर्ग के अउवल विद्यार्थी। वर्ग में सदा प्रथम आवत रहन। बलराम गुरूजी वर्ग शिक्षक रहीं

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ऊपरी कमाई

21 November 2023
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राजनाथ ग्रेजुएशन कइला के बाद कम्पटीशन के तैयारी पटना रहके करत रहन। पढ़े में शुरू से बढ़िया रहन। साल बितत बितत एक्साइज इंस्पेक्टर के परीक्षा पास करके बम्बई पोर्ट पर योगदान दे देलन। नौकरी लागते उनकर

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दिवान जी

22 November 2023
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झुनीलाल। संउसे गांवे ना जवारो दिवान जी के नाम से जानत रहे। केकरो घरे एक धुर जमीन नापे के होखे, दू भाई के बीच बँटवारा होखे भा केकरो जमीन के इतिहास जाने के होखे त ओकरा खातिर गांव के लोग दिवान जी के धरत

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गुरही जिलेबी

22 November 2023
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अब कहाँ चलता? बाकी इयाद बा नू गांवे के छठ मेला होखे भा मस्जिद त के ईद मेला चाहे कचनथ के शिरात मेला हमनी के गुरही जिलेबी खातिर साथे जात रहीं जा। ललन पटना अपना डेरा पर रमेश, जे गांवही के लइकाई के इयार र

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फाटल मिरजई

22 November 2023
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नया जन बन। तू जानेलू बाबू भइया आपस में एक दोसरा से कपड़ा हित नाता घरे जाये खातिर अदल बदल लेला बाकिर तोहरा के ना नू दी। मुँह ओहिजे खोले के चाही जहाँ बात रह जाय। जइसे सब होता ओसही एगो मिरजई किना जाई त

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कोरोना के कहर

22 November 2023
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अजी सुनती हो कमलेशवा के माई। भोरे भोरे रउवा त कवनो काम नइखे हमरा नाक में काहे दम कइलेबानी। आरे मार बढ़नी कोरोना के रे एगो त ऊ आफत में जान डललही बा ऊपर से दिन भर रउवा आ कमलेशवा के टोपासी अलगे बा। अरे ई

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भूख

22 November 2023
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रमेसर बाबूजी के तबियत दिन प दिन बिगडत देख बजारी प जा के डॉक्टर से देखावे खातिर निकल गइलन। फिस खातिर डोमन साव से दू सै रूपया कर्जा दस रूपया सूद प लेके पाकिट में रख लेले रहन। लाकडाउन में सब अस्पताल बंद

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गाँव के सपना

22 November 2023
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रोजी रोटी खातिर महेश गाँव छोड़ के चार बरिस पहिले सूरत चल गइल रहन। बाद में अपना विधवा माई के भी ओहिजे बोला लेले रहन। माई भी दू चार घर में चौका बरतन करत रही। महेश एगो सुता कारखाना में मजूरी करत रहन। केह

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बेटी

22 November 2023
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जनार्दन सिंह बाहर से आवते अभी दुआर पर पैर रखले रहन कि घरवे के बगल में उनके बाप दादा के बसावल काशी कहार के घरे बड़ा हल्ला गुल्ला अउर अफरा तफरी के माहौल बुझाइल। कुछ समझ ना आइल त हाथ मुँह धो के खरास मिटव

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लोक लाज

23 November 2023
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सुशीला के विदा करते रामनरेश घरे आ के चीताने धम से पड़ गइलन। माथा के लकीर साफ कहत रहे कि बेटी के हाथ पीयर करे अउर ओकरा के बड़का घर में भेजे के खुशी से अधिक गम दू बिगहा खेत बेचला के बादो डेढ़ लाख के माथ

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गांव प्रबंधन समिति

23 November 2023
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गांव के पूरब दखिन के कोण पर थप थप ऊजर दू महल्ला कोठी। गजाधर चौधरी के निवास स्थल। नाम-सुख सागर। गजाधर बाबू मुखिया पति। नावाडीह पंचायत के मुखिया श्रीमती सुनीता देवी के पति। खुद अपने मुखिया पति के अलावा

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राम भरोसे

23 November 2023
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काली माई तर बइठल रामधन अउर बाबूलाल आपस में बात करत रहे लोग। रामधन बोलले बाबूलाल काका तूं त अब साठ के लपेट के भइल का कभी अइसन आपत बिपत के समय देखले रहला हा। अरे ना मरदे! आज ले खेलत कूदत जिनगी बितल रहे

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आफत

23 November 2023
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दिनेश अपना पलानी में खटिया पर परल कहरत सुखिया काका से कहले कब अइला हा? आँख लाग गइल रहे पता ना चलल हा। बा? चलले आवत बानी। आके अभी बइठबे कइनी हा। कइसन तबियत कइसन कहीं। तू त जानते बाड़। गरीबी आ बुढ़ापा

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हरियर गाछ

23 November 2023
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भोजपुर जिला में पोआर अउर बसौली दूगो गांव बा। दुनो गांव के सीवान एक दुसरा से मिलेला। पोआर भूमिहार अउर बसौली राजपूत बहुल गांव ह। दुनो गांव आपस में बड़ा मिलके रहत रहे। शादी बियाह में नेवता हँकारी चलत रहे

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नाक

23 November 2023
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छोटकी आ बड़की दूगो बहुरिया रही सं बड़का बाबा अँगना। दूनो के बियाह में गइल रहनीं बाराती। जयमाल के समय दूनो के बियाह के बेरा लोग कहत रहे कि ललनवा दूनो बेटन के बियाह खूबसूरती देख के कइले बा तिलक लेके ना।

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फागू भगत ससुरारी में

23 November 2023
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गाँव के बहरी निकले के पहिले बीचली गली के अंत में फागू भगत के किराना के दुकान। दुकान आज के मिनी मॉल। चुड़ी, कपड़ा, पूजा सामग्री, पारचून से आटा चुड़ा मिल तक एक छत के नीचे। फागू भगत दुकान के बहरी चबूतरा

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एगो किताब पढ़ल जाला

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