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फूलवा

20 November 2023

4 देखल गइल 4

छूट्टी के दिन एतवार के ड्राइंग रूम में बइठल ललन पेपर देखत रहन कि कॉलबेल के आवाज कान में पड़ल। उठ के दरवाजा खोललन त गांव के रामदास कहार पर नजर पड़ल। बड़ा सबेरे सबेरे। आव आव भीतरिये चल आव। बोरवो भीतरए ढुका ल। अतना सबरे कइसे।

रामदास जमीन पर बइठत कहले, बड़की मलकिनी एक हप्ता से उदबेगले रही कि पटना जा के ललन के चाउर-गेहूं पहुंचा आव। खेती के दिन फुरसत कहाँ बा। साँसो लेवे के समय नइखे मिलत। घामी पड़ल बा देखते बानी। नहरो में भरपूर पानी नइखे आवत। दोन से पटाके जजात बचावत बा आदमी। कसहूं आज समय मिलल हा त पंच बजिया इंटरसिटिया धके भागल आवतानी। सांझ के तीन बजिया शटलवा से लवट जाइब।

ई का करतानी। उठ के ऊपर चउकिया पर बइठीं। गांव घर के हाल चाल बताई।

सब ठीकठाक बा।

कवनो नया समाचार? 

नया का कहीं एगो गड़बड़ समाचार बहुवे। हमरे टोला के धनेसर भाई के बेटी सुनीतावा पटना एम.ए. में पढ़त रहे एगो आन जात के साथे पढ़ेवाला लड़िका से बियाह कर लेलस हिया। संउसे गांव थू थू करता।

कवना दुनिया में रहत बाड़ लोग। अब जात-पाँत से उठे के जरूरत बा। पढ़ल लिखल लड़की अपना पसंद से बियाह कइलस ई कवनो जुलूम के बात नइखे। ई कवनो गुनाह ना ह।

रउवा ठीक कहतानी बाकिर गांव में केकर केकर मुँह रोकब। दस मुँह दस बात। धनेसर के गांव में निकलल आफत भइल बा।

पहिले पानी पी ल अभी तक भूखे होखब ना त खरास मार दी। रामदास नास्ता क के कहलन। खा के दू बजे ले निकल जाइब।

ना। आज रूक जा। काल टेशन छोड़ देब पांच बजे । दस बजे ले गांवें पहुंच जइव। आपन नन्हकी के हाल कह। उहो त कवलेज में चल गइल होई। पढ़े में बड़ी तेज रहे। हमरा से पढ़त रहे जब गांवे रहत रहीं। हम जानत बानी।

फूलवा रउवा के आजो इयाद करे ले। बिक्रमगंज से ग्रेजुएशन एही साल कइलस हिया। टीचर ट्रेनिंग कइल चाहतिया बाकिर धनेसर घर के घटना देख के ओकर माई बाहर भेज के पढ़ावल नइखे चाहत। हमरो से कहत रहे काफी पढ़ाई भइल अब फूलवा के बियाह खातिर दउड़ धुप शुरू करीं अगला वैशाख में वियाह कर दियाय। छोटको मालिक से विचार कइनी उहों के कहनी लइकिन के ढ़ेर मन बढ़ावे के ना ह बियाह कर के अपना घरे बिदा कर द जमाना देखते बाड़।

तू का सोचल। तोहार का विचार बा।

पहिले के समय ना रहल। फूलवा से पूछनी त उ अभी शादी खातिर तैयार नइखे। हमहूं चाहतानी टीचर ट्रेनिंग कर लिहित त आगे खातिर ठीक रहित बाकिर पिछले साल बड़की के बियाह कइले रहीं अभी ले माथ पर करजा बा एह से फूलवा के आगे पढ़ावे के हिम्मत नइखे होत। रउवा त जानते बानी फूलवा गांवे में सिआई फड़ाई क के आपन खरचा निकाल लेले। कहत रहे चार-पांच हजार हाथ में बड़हिस बाकिर बीस हजार अउर एडमिशन में लागी। पहिले से माथ पर करजा बा रउवे बताई बेटी पढ़ावे खातिर करजा उचित होई, बेटा रहित त सोचबो करती। राउर का सलाह बा।

रामदास जमाना बदल गइल। बेटा बेटी में अंतर ना रहल। आज बेटी सब ऊ काम करतारी स जे बेटा करेला। खेत बधार, राजनीति, प्रशासन, युद्ध के मैदान कहाँ बेटी नइखी स। देखला हा नू बबन पांडे के बेटी आगे ना देली हा स कंधों देली हा स। रहल बात फूलवा के पढ़ावे खातिर करजा लेवे के त करजो लेवे के पड़े त हरजा नइखे। देख हम आपन बेटी कंचन के अमेरिका पढ़े खातिर भेजनी हा ओकरा खातिर दस लाख लोन लेनी हा। जानते बाड़ सचिवालय में बाबू बानी कसहूं बढ़िया से घर चल जाला। बेटा-बेटी के पढ़ाई खातिर लोन सरकारो देत बिया ना त हमरो औकात ना रहे। फूलवा खातिर चिंता मत कर पढ़े वाली लइकी बिया ओकरा पर विसवास कर। दू पुसुत से साथे बाड़, दुख सुख, कारज परोजन में चौबीस घंटा खाड़ रहेल हमरो कुछ फर्ज बनेला। ल हई बीस हजार रूपेया पटने टीचर ट्रेनिंग में नाम लिखा द ओकर। पटना में हम बानी घटल बढ़ल देखब। ई करजा ना ह, तोहार ढ़ेर करजा बा हमरा परिवार पर जेकरा के चुकावल संभव नइखे। फूलवा हमरो बेटी ह, कुछ फर्ज हमरो त बनेला।

रामदास भोरे गांवें लवट अइलन। फूलवा के चुनाव टीचर ट्रेनिंग खातिर हो गइल रहे। पटना जाके नाम लिखवा देलन। समय जात देर ना लागे। फूलवा ट्रेनिंग में टोप कइलस अउर गांव के हाई स्कूल में आज टीचर बिया। बढ़िया नौकरी के कारण रामदास के ओकरा बियाहो खातिर ना दउड़े के पड़ल। एक से एक रिश्ता आवत रहे ओकर बियाह खातिर। रामदास बिना तिलक दहेज के फूलवा के बियाह बगल के गांव कचनथ के सुदामा सिंह के लड़िका, जे डिप्टी कलेक्टर रहे, से बड़ा धूमधाम से कइलन। फूलवा में पढ़े के बढ़े के लगन अभी बाचल रहे। पति ओकरा के समझलन अउर जे सुविधा चाहीं उपलब्ध करवले। फूलवा डिप्टी कलेक्टर के परीक्षा उत्तीर्ण कर गइल। आज सचिवालय में उप सचिव, सिंचाई विभाग में बिया जहाँ ललन सेक्सन अफसर बाड़े। बाकिर फूलवा जान तिया आज ऊ जे बिया ओकरा पिछे ललन बाड़न। ललन के प्रति पिता से बढ़के श्रद्धा आजो ओकरा मन में बा। रामेदास के ना आज संउसे गांव के फूलवा पर गर्व बा।

फूलवा अउर ललन साथे गांव आइल रहे लोग। गांव में ललन के माई के नाम से गर्ल हाई स्कूल खुलत रहे ओकरे उद्घाटन समारोह के अवसर रहे। ललन अध्यक्ष अउर फूलवा मुख्य अतिथि रहे एह अवसर पर। ललन गांव के बतवलन कि एह स्कूल के खोले में फूलवा के अहम योगदान बा। ऊ ना रहती त अतना जल्दी मान्यता ना मिलित। फूलवा एह अवसर पर पांच लाख के चेक देत ललन से कहली कि स्कूल में हमरो बाबूजी रामदास के नाम से एगो पुस्तकालय खोल दियाय जेकरा से ओह लड़की के भी किताब उपलब्ध हो सके जे खरीद के ना पढ़ सके। ऊ कहली ललन बाबू के माई हमनी घर के बड़की माई रहली। बाबू के जिनगी उनके छत्रछाया में गुजरल रहे। एह स्कूल में बाबूजी के नाम जुड़े से बड़की माई के आशीष हमरो मिलत रही। अंत में गांव के लड़की लोग के स्टेज पर बुला के कहली कि आज लड़की खातिर शिक्षा सब धन से बढ़के बा। युग बदलल तू हूं लोग बदल।

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लेख
ठाकुर जी के मठिया
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लखन जस अनुज कंचन जेह पर हमारा नाज बा, उनके हाथ में सस्नेह!
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जहर

20 November 2023
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जानू दा। पूरा नाम जमालुद्दीन खान। मिलकी पर के जमींदार। सांझी खा दलान पर जब बैठकी में बइठस त गाँव के हिन्दू मुसलमान सभे जुटत रहे। जुटे काहे ना, वेद कुरान से लेके रामायण महाभारत के संगे चरचा होखे। संप्र

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ठाकुर जी के मठिया

20 November 2023
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संउसे गांव में मिठाई बंटात देख के ललन बिदेशी ठाकुर से पुछलन कि केकर बायन बंटाता हो। बिदेशी कहलन सुननी हा ना बड़का गउवाँ के बेटा अवधेश कलक्टर बनले हा ओकरे मिठाई बंटाता। रउवा त जानते बानी दिल्ली रह के त

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रजमतिया

20 November 2023
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रजमतिया ठेठ देहाती औरत। ओकर मरद उमेश पासवान कतरास कोलियरी में मजदूर के काम करत रहे। जीद क के गांवे से मरद के साथे कतरास आ गइल। दूगो लइकन के साथे परिवार के गाड़ी कसहूँ चलत रहे। कोलियरी ओह घड़ी निजी मलक

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फूलवा

20 November 2023
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छूट्टी के दिन एतवार के ड्राइंग रूम में बइठल ललन पेपर देखत रहन कि कॉलबेल के आवाज कान में पड़ल। उठ के दरवाजा खोललन त गांव के रामदास कहार पर नजर पड़ल। बड़ा सबेरे सबेरे। आव आव भीतरिये चल आव। बोरवो भीतरए ढ

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सुनैना भउजी

21 November 2023
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सुनैना बियाहे उतरली तऽ बियाह के घर भरल मिलल। कहीं तील धरे के जगह ना। हँसी ठिठोली के माहौल, काली पुजाई, चउठारी के रसम में दिन कइसे कट जात रहे पता ना चल पावत रहे। चार पांच दिन में सब हित नाता के जाते गा

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हरित नायिका

21 November 2023
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सुमन मुंडा, परसाबाद ग्राम वन संरक्षण अउर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सरायकेला जिला परिषद सदस्य, राष्ट्रीय वृक्ष मित्र 2018 पुरस्कार से पुरस्कृत, 'हरित भूमि' गैर सरकारी संगठन की अध्यक्षा। सुमन के आज इहे

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राधा

21 November 2023
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राधा अउर सतीश साथे पढ़त रहे लोग। ऊ दूनों के दोस्ती कब प्रेम में बदल गइल ई दुनों के पता ना चलल। साँच भी ह प्रेम त आराधना ह जे आराध्य से कब एक कर देला ई पता कहाँ चलेला। दूनों साथे जीये मुये के कसम ले

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सुगिया गिरी मुरझाय

21 November 2023
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सुगिया रामनाथ कँहार के चउथकी बेटी । उहे रामनाथ जे हमरा पटीदार कौशल भाई किहां बनिहार रहन। सुगिया के माई हमरो घर के गोबर गोइठा के साथे बरतन पानी के काम देखत रहे। रामनाथ उमिर में बड़ रहन एह नाता उनका के

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नूर मियां

21 November 2023
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काल ढ़ेर दिन पर आरा से गांव गइल रहीं। भोरे बधार से फर फराकित होके लौटत खा रस्ता में ललन पांडे से भेट हो गइल। प्रणाम पंडित जी। कब आसन आइल हा जजमान। काल साँझी खा अइनी। ई का सुनतानी नूर मियां के बारे

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श्रद्धा के फूल

21 November 2023
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रामचरन अपना गांव के हाई स्कूल के नउवा वर्ग के विद्यार्थी रहन। बात सन बहतर के ह। बड़ा गरीब घर के लड़िका बाकिर पढ़े में वर्ग के अउवल विद्यार्थी। वर्ग में सदा प्रथम आवत रहन। बलराम गुरूजी वर्ग शिक्षक रहीं

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ऊपरी कमाई

21 November 2023
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राजनाथ ग्रेजुएशन कइला के बाद कम्पटीशन के तैयारी पटना रहके करत रहन। पढ़े में शुरू से बढ़िया रहन। साल बितत बितत एक्साइज इंस्पेक्टर के परीक्षा पास करके बम्बई पोर्ट पर योगदान दे देलन। नौकरी लागते उनकर

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दिवान जी

22 November 2023
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झुनीलाल। संउसे गांवे ना जवारो दिवान जी के नाम से जानत रहे। केकरो घरे एक धुर जमीन नापे के होखे, दू भाई के बीच बँटवारा होखे भा केकरो जमीन के इतिहास जाने के होखे त ओकरा खातिर गांव के लोग दिवान जी के धरत

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गुरही जिलेबी

22 November 2023
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अब कहाँ चलता? बाकी इयाद बा नू गांवे के छठ मेला होखे भा मस्जिद त के ईद मेला चाहे कचनथ के शिरात मेला हमनी के गुरही जिलेबी खातिर साथे जात रहीं जा। ललन पटना अपना डेरा पर रमेश, जे गांवही के लइकाई के इयार र

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फाटल मिरजई

22 November 2023
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नया जन बन। तू जानेलू बाबू भइया आपस में एक दोसरा से कपड़ा हित नाता घरे जाये खातिर अदल बदल लेला बाकिर तोहरा के ना नू दी। मुँह ओहिजे खोले के चाही जहाँ बात रह जाय। जइसे सब होता ओसही एगो मिरजई किना जाई त

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कोरोना के कहर

22 November 2023
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अजी सुनती हो कमलेशवा के माई। भोरे भोरे रउवा त कवनो काम नइखे हमरा नाक में काहे दम कइलेबानी। आरे मार बढ़नी कोरोना के रे एगो त ऊ आफत में जान डललही बा ऊपर से दिन भर रउवा आ कमलेशवा के टोपासी अलगे बा। अरे ई

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भूख

22 November 2023
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रमेसर बाबूजी के तबियत दिन प दिन बिगडत देख बजारी प जा के डॉक्टर से देखावे खातिर निकल गइलन। फिस खातिर डोमन साव से दू सै रूपया कर्जा दस रूपया सूद प लेके पाकिट में रख लेले रहन। लाकडाउन में सब अस्पताल बंद

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गाँव के सपना

22 November 2023
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रोजी रोटी खातिर महेश गाँव छोड़ के चार बरिस पहिले सूरत चल गइल रहन। बाद में अपना विधवा माई के भी ओहिजे बोला लेले रहन। माई भी दू चार घर में चौका बरतन करत रही। महेश एगो सुता कारखाना में मजूरी करत रहन। केह

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बेटी

22 November 2023
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जनार्दन सिंह बाहर से आवते अभी दुआर पर पैर रखले रहन कि घरवे के बगल में उनके बाप दादा के बसावल काशी कहार के घरे बड़ा हल्ला गुल्ला अउर अफरा तफरी के माहौल बुझाइल। कुछ समझ ना आइल त हाथ मुँह धो के खरास मिटव

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लोक लाज

23 November 2023
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सुशीला के विदा करते रामनरेश घरे आ के चीताने धम से पड़ गइलन। माथा के लकीर साफ कहत रहे कि बेटी के हाथ पीयर करे अउर ओकरा के बड़का घर में भेजे के खुशी से अधिक गम दू बिगहा खेत बेचला के बादो डेढ़ लाख के माथ

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गांव प्रबंधन समिति

23 November 2023
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गांव के पूरब दखिन के कोण पर थप थप ऊजर दू महल्ला कोठी। गजाधर चौधरी के निवास स्थल। नाम-सुख सागर। गजाधर बाबू मुखिया पति। नावाडीह पंचायत के मुखिया श्रीमती सुनीता देवी के पति। खुद अपने मुखिया पति के अलावा

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राम भरोसे

23 November 2023
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काली माई तर बइठल रामधन अउर बाबूलाल आपस में बात करत रहे लोग। रामधन बोलले बाबूलाल काका तूं त अब साठ के लपेट के भइल का कभी अइसन आपत बिपत के समय देखले रहला हा। अरे ना मरदे! आज ले खेलत कूदत जिनगी बितल रहे

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आफत

23 November 2023
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दिनेश अपना पलानी में खटिया पर परल कहरत सुखिया काका से कहले कब अइला हा? आँख लाग गइल रहे पता ना चलल हा। बा? चलले आवत बानी। आके अभी बइठबे कइनी हा। कइसन तबियत कइसन कहीं। तू त जानते बाड़। गरीबी आ बुढ़ापा

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हरियर गाछ

23 November 2023
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भोजपुर जिला में पोआर अउर बसौली दूगो गांव बा। दुनो गांव के सीवान एक दुसरा से मिलेला। पोआर भूमिहार अउर बसौली राजपूत बहुल गांव ह। दुनो गांव आपस में बड़ा मिलके रहत रहे। शादी बियाह में नेवता हँकारी चलत रहे

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नाक

23 November 2023
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छोटकी आ बड़की दूगो बहुरिया रही सं बड़का बाबा अँगना। दूनो के बियाह में गइल रहनीं बाराती। जयमाल के समय दूनो के बियाह के बेरा लोग कहत रहे कि ललनवा दूनो बेटन के बियाह खूबसूरती देख के कइले बा तिलक लेके ना।

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फागू भगत ससुरारी में

23 November 2023
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गाँव के बहरी निकले के पहिले बीचली गली के अंत में फागू भगत के किराना के दुकान। दुकान आज के मिनी मॉल। चुड़ी, कपड़ा, पूजा सामग्री, पारचून से आटा चुड़ा मिल तक एक छत के नीचे। फागू भगत दुकान के बहरी चबूतरा

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एगो किताब पढ़ल जाला

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