काली माई तर बइठल रामधन अउर बाबूलाल आपस में बात करत रहे लोग। रामधन बोलले बाबूलाल काका तूं त अब साठ के लपेट के भइल का कभी अइसन आपत बिपत के समय देखले रहला हा।
अरे ना मरदे! आज ले खेलत कूदत जिनगी बितल रहे। मुँह में जाब लगा के मेहरारू जइसन समय घर भीतरे बीत रहल बा। दोसरा के देख के लागता करोना बढ़ल आवता अपना ओरे। बुझाता आदमी आदमी ना ह चीन से चलल भाइरस ह। अब भगवाने मालिक बाड़न।
ठीक कहताड़ काका। अरे हमरा टोला त सबका घर में एक दूगो कोठरी बा। एक रुम में पांच सात लोग रहता। अभी ले करोना गांव के नइखे छुअले। आ जाई त हमनी के का होई सोच के हाड़ काँप जाता।
चिंता मत कर। सरकार बड़ा तत्पर बा। रोज बड़का दुआर पर पेपर देखे जाइना। सरकार सब तैयारी कइले बा । विधायको जी के परसो गांवे प्रोग्राम बा। अनाज, साबुन अउर मास्क तोहरे टोला बँटिहें। कवनो दिक्कत बुझात होखे त बता दिह। काल आरा गइल रहीं। सब कागजी हवाबाजी होता। सभे कहत रहे आपन सुरक्षा अपने हाथ। सरकार के भरोसा रहब त मुआ घाली। सदर अस्पताल के हालत केकरा से छिपल बा। निजी अस्पताल त ढुकही नइखन स देत। चल हमनी गरीब के जीवन राम भरोसा चलेला आगहूं राम भरोसे चली।
सुन रामधन आज ले गांव में कवनो बड़का आफत नइखीं देखले । काली माई के छत्रछाया रहेला गांव पर। अबकियो बेरी रखिहन। चल घरे चलल जाय ढ़ेर देरी बहरा रहे के समय नइखे रह गइल।
ठीक बा चलल जाय।
रामधन सर संघतियन जोरे समय पर विधायक जी के मीटिंग स्थल पर पहुंच गइल रहन। मुखिया जी अउर बीडीओ साहब समय पर आ गइल रहन। विधायक जी दू घंटा देर से पहुंचलन। आवते मीटिंग शुरू हो गइल जे डेढ़ घंटा चलल। जेकरा में खाली चुनाव के बात भइल। करोना पर कवनो बात ना। अंत में कुछ लोग के विधायक जी के हाथे अनाज अउर मास्क दे के फोटो खिंचावल लोग।
विधायक जी के जाये के समय भींड के चीरत रामधन अउर बाबूधन दुनो भाई जब विधायक जी भीरी पहुंचे के कोशिश करत रहे त बीडीओ साहब अंगरक्षक के रोक देवे के इशारा कइलन। बाकिर विधायक जी ऊ लोग के इशारा कर पास बुला लेले।
रामधन प्रणाम करके कहले समय बड़ा विपरीत चलता जानते बानी। बड़कागांव में त महामारी के रूप में कोरोना आ गइल बा। बिदेशी ठाकुर के वेटा त पटना लेजात रस्ते में दम तोड़ देलस हा। गांव डरल बा कुछ करी अव रउवे पर भरोसा बा। तुम्हारा नाम रामधन है ना? मुझे याद है पिछले चुनाव में काफी काम किया था। तुम तो जानते हो चुनाव नजदीक है। आकर आरा डेरा पर मिल लेना।
हम कोरोना के बात करतानी रउवा कुछ उपाय करी ना त जान ना बाची।
तुमको कोरोना और जान को पड़ी है। मुझे सर पर खड़ी चुनाव की पड़ी है। देख रहे हो ना कोरोना के संकट में भी दिन रात गांव गांव दौड़ रहा हूँ अपने चुनाव के खातिर कोरोना के आड़ में। आरा आना देख लूंगा।
जान बाची तब नू चुनाव होई। जान बचावे खातिर कुछ करी।
तुम हमारी भावना को समझ नहीं रहे हो। याद है जब पहली बार तुम्हारे गांव आया था तो तुमने कहा था राम भरोसे तुम लोगों की जिंदगी चल रही है। फिर काहे चिंता करत हौ राम जी करेंगे बेड़ा पार। पर हमारो चुनाव तो तुम्हारे भरोसो है कल आरा आ जाना कहते कार में बैठ विधायक जी रवाना हो गये।