पिया अनाड़ी वृझे कहाँ बतिया सूते पोथानी। 1।
मन मातल छछनत हियरा बथे कपार। 2।
देह के बोल अँखिया रतनार पिया ना बूझे। 31
का कहीं हम कइसन फगुआ काटे गुलाल।4।
गोरी उदास बलम परदेशी होली के दिन ।5।
रंग अबीर नाही नीक लागेला अनका हाथे। 6।
मत कर तूं बरजोरी बलम भोरे के नींद। 7।
कोयल बैरी भोरही जगावेले उठेला टीस ।8। पुरवड्या साले ला पोरे पोर वैद्यो ना वृझे 191
ऊ निस्तनिया छोड़ के पराइल फागुन मास।10।
करमजरू सूतल रह गइल फगुआ रात। 11।
पीट कपार लूट लेलस आज गोरी इयार। 12।
कान पकड़ी खइलन कसम अब ना भांग। 131
छत पे गोरी अंगुठा देखावत सूत अघोरी। 14।
राह चलत लाग गइल ठेस अबो संभल। 15।
बाबू भइया नाराज जन होख तोहरे राज। 16। केकर दोष? कमजोर हमहीं तऽ हमरे नूं। 17।
बागी बलिया काहे बनल रहे आजादी चाहीं। 181
नींद हराम अंग्रेजं के भइल मंगल पांडे। 191
कुंअर सेना जोश गजब रहे देखते बने। 201
दुनिया गावे कुंवर गीत गाथा जोस भरेला। 211
मेहरुन्निसा कुंवर के संग में अनोखा प्रेम।। 221
भोजपुरिया माटी के लाल हऽ साठा तऽ पाठा। 231
लोहा मानेला सब जग ओकर वीर बांकुड़ा। 241