संवरको गोरको पर भारी कुचु-कुचु करिया केश, गुलाबी रंग सारी संवरको...।
सांवर कृष्ण रामो त सांवर सांवर शिव त्रिपुरारी, श्याम वरण आकाश सोभेला सांवर सब पर भारी। संवरको...।
गोर सिया गोर राधा रहली खोजली राम बनवारी, सांवर दूर्गा काली रहली असुर दिहली संघारी। संवरको...।
श्याम पर्वत श्याम नदी सब श्याम सब ब्रजनारी, श्याम कृष्ण के बाजे बांसुरी नाचे सब देव नर नारी। संवरको...।
सांवर गोरी जब चले डंडेर पर गोरकी थरे किनारी, काजर सांवर, चूनरी सांवर पहिर गोर इतराली। संवरको...। भउजी सांवर, माई सांवर सांवर घर के दुआरी, सांवर बलमुआ पर इतरालू काहे ए गोरकी नारी। संवरको...। 18
पेटवा में भूखिया के अगिया थधात रहे मथवा पर दुख के पहाड़ करमवाँ तूहूं भइले दगाबाज।
घरे नाही टोपरा पलानी रहे मथवा पर बावू मोरो रहन बनिहार दिन रात खटी बाबू संगे हम बधरिया में हथवा में लेके हम कुदार पेट भर मिले नाही बनवा मजूरिया हो दिन रात पिटी हम कपार। करमवाँ तूहूं भइले दगाबाज।
माई पानी भरनी भउजाई गोबर पथनी मेहरी के करम में चुहान जांगर पीटत दिन रात सब रे बेकतियाा नून भात मिले ना पिसान धूपवा में चाम जरल देह बसतर नाही मालिक के हाथ में परान। करमवाँ...।
गाँव छोड़ी भगनि सूरत, दिल्ली, हाबड़ा सपना के उहँवा दुकान मन मारी पेट काटी काम करी दूई शिफ्ट माथे तबो करज चढ़ान का खाई का देस लेके जाई सोचि के परेसान ललसा मनवे में हलकान। करमवाँ...।
मेहरी कहे कि रेलिया बैरी, बाबू अलगे परेसान कहस संगे मथवा जाला नेपाल माई धइलस अइसन खटिया अचके उड़ल परान जिनिगी पूडेला नया सवाल माटी छूटल, कुटुवो ना भेटल, छूट गइल परिवार किशोर भइलन झूटो बेहाल। करमवाँ...3...।