परिवार के साथ जिनिगी रहे सदाबहार। 1।
राख नेह अटूट सबसे फले फुलेला गाँव। 2।
पावे निश्चित जीत मानव समय पहचान SI 31
बरसत अँखिया प्रेम में मनवाँ बा अधीर। 4।
भारी करे चुनाव माहौल आपसी तकरार। 5।
अनुचित करम जिनिगी होके रहे तबाह । 61
रहे हमेशा याद बांकुड़ा मरे युद्ध मैदान। 7।
विश्वास के नींव पुष्ट तऽ निश्चित सफलता। ৪। मंजिल पहचान चुनीती डूवे सूरज-चान 191
राख पांव जमीन छुअत जब आसमान के। 101
बढ़त निहार के बेटी के मनवा घवराय। 11।
हाथरस घटना देश में हलचल बढ़ल। 121
आँख के कंठ कहाँ? सुनावे तबो राज के बात। 13।
मान बड़ के बात उचित सग्रंथन के बात। 14।
बिना छंद ना बिंब भावना कविता बदरंग। 151
अपराधी चतुर कतनो जाला छोड़ सुराग। 161 पावे शीतल छाँह चलत अनवरत जे रहे। 17।
बीच भँवर छोड़ भागल अपनो साथी लोग। 18।
असली के नकली कहत कहे साँच के झूठ । 191
आज ले ना पूरल केकरो सुख, सुविधा, चाह। 201
करे एकता भंग अहम साँच बात हऽ मान। 21।
बड़हन सवाल सामने बदलाव के आस। 221
आतंकी दबदबा फूलात दंगा, कत्ल आ लूट। 23।
होता लोग तवाह आज ले जालिम तानाशाह। 24। अंग प्रदर्शन हऽ फैशन कहाँ शर्म के बात। 25।
दौलत अछइत गांव में प्रवासी कहलाय। 261
विना लाज बेशर्म आतंकी जाति होय ना धर्म। 271
जड़ बिहीन तरू ना बने कबहूं छायादार। 281
अपराधी पहन माला के होके चले उतान। 29।
चान छिप गइल मेघ में चाह चाँदनी रात। 301