भारत स्वतन्त्र भैल साढ़े तीन प्लान गैल
बहुत सुधार
भैल जानि गैल दुनियाँ
चोट के मिलल अधिकार मेहरारून का
किन्तु कम भैल ना दहेज के चलनियाँ
एहो रे दहेज खाती बेटिहा पेरात बाटे
तेली मानों गारि-गारि पेरत बा धनियाँ
बेटी के जनम बा बवाल भैल भारत में
एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
दिल्ली का गद्दी पर बैठलि मेहरारुए बा
ओही के बाटे उहाँ
चलत
परधनियाँ
जल थल आ नभ तीनू सेना के सेनापति
दागें सलामी ओ के साथ ले पलटनियाँ
यू०पी० में तिरिया राज बाटे सुतारन भैल गुप्ता आ त्रिपाठी जी में होत बा बजनियाँ एहू तिरिया राजो में सुख ना बा बेटिन का एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ एके दू कौर खा के रातो दिन रहे के परी देहि के जरावे लागि भूखि अगिनियाँ खेला का पहिले आ पाछे थारी जाँच करे अइहें बला के कुछ माई आ बहिनियाँ ढेर खइला से सबै लागी बदनाम करे ऐसने बा एकरा खन्दान के रहनियाँ एहो तरे केतने महीना ले रहे के परी एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
जाँचे के हमार मन सासु धरि दीहें करें बिछौना तर लड्डू और बुनियाँ कुक्कुरो बिलारि मूस आ के खाइ जाई तब उल्टे घुमाई लोग हमरे घनियाँ
हँस-हँस के बानो करें विगिहें जेठानी आ सासु कहि दोहें ई त बड़ी बा चटनियाँ हमरा सफाई के रहो ना सुनवाई कहीं एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
ओठर सासु दोहें कि 'एकरा नैहरवा से आइल कर्बे ना तनि ढंग से करनियाँ' एकर खन्दान जरिए के भिखमंगा हवे करनी ना कौनो बस खाली वा कथनिया एकरा महतारी के फूआ बियाहलि रहें हमरा मौसी का घरे पांड़े का जमुनियाँ जानि मैनी एकरा से घर ना चली हमार एही दुखी डोली में रोवति जाति कनियाँ
ऊ आजु जात बानी बन्द होखे एक जेल बीच जेलर जहाँ के सासु नन्दी आ जेठनियाँ हमके दिनरात डेरवइहें धमकइहें लंका में जानकी के जइसे रकसिनियाँ दुइ चार साल के न बाटे जेल के ई सजा जेले में बीती सउँसी जिन्दगनियाँ कौनो अदालत सुनी एकर अपील नाहीं एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ अब
सरकार चोरी चुगलाई हम आजु ले न कइनी कहीं तुरनी ना कौनो के कनुनियाँ कौन बटे कौन दफा लागू बा हमरा पर एकर ना पौनी हम आजु ले समनियाँ एकहू गवाही ना गुजरल बिपक्ष में बा केहू से ना बाटे हमरा से दुसमनियाँ बेकसूर हमके दियात जेल बाटे आजु एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
काल कोठरी समान होई जेलखाना उहाँ
जहाँ पैसि पाई ना प्रकास के किरनियाँ
डेढ़ पोरसा पैं कहीं जंगला जो होई एक सासु उहाँ साजि दीहें झाँपी अरु मोनियाँ जेठो बइसाख में न सोड़ सूखत होई जहाँ धूंआ से भरल घर होई कहीं कोन्हियाँ चडकट का भीतरे रहे के परी आठो घरी एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
लेबे के साँस ना बतास ताजा पाइब हम ओढ़े के परिहें कई पर्त के ओढ़नियाँ कहियो त गोड़ बड़ा जोर झिन्झिनाए लगी कहियो दुखाए अगियाए लगी चनियाँ डाक्टर कही कि कम भइल बा बिटामिन बी नइहर के भूत कही ओझा औरू गुनियाँ केकर जवाब कौन कइसे दे पाइबि हम एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
हमके साँप देले बा माई बाप जेकरा के जेकर रहे के बाटे बन के परनियाँ उनहूँ से बोलत में देखि लीहें सासु कहीं खोसिन वनि जइहें ऊ बन के बघिनियाँ कहिहें कि कइसन कुरहनी ई आइलि बा एकरा नजर में वा तनिको ना पनियाँ केहू कही अब्बे से आपन ई चीन्हे लगलि एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
जात छूटि जात बाटे आजु हमरा से माई बाप छूटि जात वाटे आजु भाई आ बहिनियाँ काका अरू काकी के न आँखी देखि पाइब हा नइहर के नाँव जगरनियाँ बारी फुलवारी सखियारी सब छूटि जात सपना समान भइल के दुनियाँ माई और बाप के रोवाई बा न बन्द होत एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
बखरा अइसन हमार पिता देले जे दहेज मानि किन्तु बाटे समाज के चलनियाँ कौना मसक्कत से रुपया ई जुटावल बा ईना लोग बूझेला समुझेला मँगनियाँ केहू का बिदाई मिले केहू का पुजाई मिले केहू नेग खातिर बा चढ़ि जात छन्हियाँ लूटे आ लुटावे के हमरे धन बाटे इहे एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
बाप और दादा जवन सम्पति कमाइ गइले अउरी जे छोड़ि गइले उनहूँ के पुरनियाँ सगरी दियाइल ह तब्बो ना ओराइल ह तिलक दहेज वाला किश्त सोरहनियाँ बेटो का घरमें ना हाय! रहि पावल ऊ लूटेले ओहू के नचनियाँ आ बजनियाँ रोके के ई लूट अधिकार ना हमार बाटे एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
चौदहे बरिस घर राम छोड़ि दिहले त पोथी के पोथी लोग लिखने बा कहनियाँ जन्मभूमि छोड़ि देत बानी आजीवन हम माथ पै चढ़ा के माई-बाप के बचनियाँ हमरी बेर बाकी त दुकाहे दो सूखि गइल बालमीकि व्यास कालिदास के कलमियाँ हमरा ए त्याग पै लिखाइल ना ग्रन्थ एको एही दुखे डोली में रोवति जाति कनियाँ
अमृत ध्वनि छंद
उनगन समधी नाधि के बकें अंट के संट
बेटिहा भेजले अंत में, लट्ठद्धर कुछ लंठ
लट्ठद्धर कुछ
लंठज्जब्बर गरजद्धरधर
धद्धग्गरदन चच्चच्चटकन थत्थत्थप्पर
गातल्लउरि खातक्कवरि सुधियातत्तनमन भुलातट्ठनगन सुहातट्ठहर
डकडर बिना न जात बा अइसन वा बरजाद आइल तीर्थ प्रयाग से कुंभञ्चर परसाद कुंभज्वर परसादधर तन कम्पत्थरथर आँखण्झरझर नाकस्सरसर साँसग्घरघर बन्दग्गर मनमंदत्तर निस्पन्दच्छिनभर तारच्छिकत कपारद्धिकत पधारड्डकडर