असों आइल महुआबारी में बहार सजनी कोंचवा मातल भुँइया छूए महुआ रसे रसे चूए जबसे बहे भिनुसारे के बेयारि सजनी
पहिले हरका पछुआ बहलि झारि गिरवलसि पतवा गहना बीखो छोरि के मुँड़ववलसि सगरे मथवा महुआ कुछू नाहीं कहलें जेइसन परल ओइसन सहलें तबले झारे लागलि पुरुवा दुआरि सजनी
एइसन नसा झोंकलसि कि गदाए लागलि पुलुई पोरे पोरे मधू से भराए लागलि कुरुई महुआ एइसन ले रेंगरइलें जरी पुलुई ले कौंचइलें लागल डाढ़ी डाढ़ी डोलिया कैंहार सजनी
गड़ी लागल रब्बी के लदाइल खरिहनवा देवरी खातिर ढहले बाड़े डँठवा किसनवा रस के मातल महुआ डोले फुलवा खिरकी से मुँह खोले घरवा छोड़े के हो गइल बा तइयार सजनी
होत मुन्हारे डलिया दउरी लेके गइली सखिया लोढ़े लगली फुलवा जुड़ावे लगली अँखिया महुआ टप टप फूल चुआवे लइका सेल्हा ले ले धावें अब त लागि गइल दुसरे बाजार सजनी
कोंचवा के दुधवा से गोदना गोदावेली केहू जानी महुआ के लयसी बनावेली
केहू भेजि दिहल देसाउर केहू घरे सरावे चाउर लागल चढ़े उतरे नसा आ खुमार सजनी
सँइया खातिर बारी धनिया महुअर पकावेली केहू बनिहारे खातिर तावा पर ततावेली महुआ बैल प्रेम से खावें गाड़ी खींचें, जोत बनावें ई गरिबवन के किसमिस अनार सजनी
ओखरी में मूड़ी डरलें, मूसर से कुटइलें लाटा बनिके बाहर अइलें, हाथ हाथे भइले केतना कइलें कुरबानी केतना कहीं ई कहानी बहे अँखिया से अँसुआ के धार सजनी
अपना जनमला के बाति जे बिचारी कोइना ओकर नाँव राखी बाप महतारी कोइना सेंकले बेवाइ पकना खा लड़के अघाइ उहाँ जरे जहाँ देखेले अन्हार सजनी
दुनिया खातिर त्यागी भइले जोगी रूप बनवलें आपन सम्पति दूनू हाथे सबके लुटवलें जेतना होला ओतना देलें बदला कुछू नाहीं लेलें करि के कलऊ में अइसन उपकार सजनी
नरम-नरम, हरियर- हरियर ओढ़लें चदरिया फेरू से महुआ दुलहा भइलें बन्हले पगरिया जइसे दिहलें, ओइसे पवलें कवि जो कविता में ई गइलें ए संसार में ना चलेला उधार सजनी
जवने हाथे देव पंच आंही हाथं पइब जवन जिनिस बोइब तू ओहो के आंसइब केहू काहे पछताला केहू का घवराला रइसन जिनिगी में मिली ना सुतार सजनी
कोंचवा मातल भैइया छूए महुआ रसे रसे चूए जबसे बड़े भिनुसारे के बेयारि सजनी असों आइल महुआबारी में बहार सजनी
मृगतृष्णा
नाचत बाटे घाम रे हिरना बा पियासा जेठ क दुपहरी में रेत के बा आसा रेतिया बतावे, बाटे धारा तनी अउरी दउर5 हिरना, पा जइबs किनारा दूर नाहीं
पछुआ लुआठी लेके चारो ओर धावे रेतिआ के बनल, देहिया तपावे भीतर वा पियासि ऊपर बरिसेला अँगारा भउरा
फेड नाहीं, रूख नाहीं, नाहीं कहूँ छाया कइसन पियासि बिधना काया में लगाया रोआ-रोंआ फूटे मुँह से फेंके ल गजारा
खरह-पतवार लेके मड़ई छवावें दुनिया के लोग दुपहरिया मनावें मारल मारल फिरे एगो जिउआ बेचारा
तोहरी दरद दुनिया तनिको ना बूझे कहेले गँवार तोहके, झुठहूँ के जूझे जवने में न बस कवनो ओमें कवन चारा
दुनिया में केके ना मेहनति बेकार बा जेही धाई ऊहे पाई, रही के बजार बा छोड़s सबके कहल सूनल, आपन ल सहारा तनी अउरी धठर5 हिरना पा जइबs किनारा
मृग कस्तूरी
गरजे लागल बदरा, धड़क उठल जियरा नाँचे लागल मोरवा, पिहिकि उठल पपिहरा गमके लागल देहिया त हो गइल मस्ताना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना
आँखया से लोरि बहे देही से पसेनवा उपरा से जोर करे सावन के महिनवा एन्ने ओने पूछताछ, लगवे खजाना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना
उड़ि जइहें सुगना, बनल रही खतोना टूटि जइहें पतई त बनी ओसे दोना अपनी चिजुइया से होइके बेगाना चारों ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना
अपनी चिजुइया के जेही नाहीं बूझी दुनिया में ओकरा के केहू नाहीं पूछी बाड़s तू भुलात होके एतना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना सयाना
केहू अनचितला में छोरि ली बिखइया मुहबा बनावे लागो मिली ना बचइया लही ना उपाइ एको चली ना बहाना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना
संपवा के मणि मिलल, हथिया के मोती तोहके कस्तूरी मिलल, दियना के जोती
अपने में हेराना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलऽ ना ठेकाना
दउरे ल अनेर तू पहुँचले में देर बा बुझि ल बचन ई समुझला के फेर बा होख तू सचेत पहिले, होखिहऽ दीवाना चारो ओरिया खोजि अइल, पवलs ना ठेकाना
रूक-रूकऽ ठाड़ा हो जा, काहें अगुतालऽ हेने सुनऽ, लगे आवs, झुठहीं डेरालऽ एक दिन परि जइहें तोहे जिनिगी अनेर जाई मिली ना ठेकाना