बिम्मी कुंवर भोजपुरी आ हिन्दी में लगातार आपन जोरदार उपस्थिति दर्ज कर रहल बाड़ी। साहित्य के अनेक विधन में उहां के लेखनी अपना उपस्थिति से ओह विधन के समृद्ध करत तेजी से बढ़ रहल बा उहां के हिन्दी कवितन के भोजपुरी अनुवाद |
मूल : बिम्मी कुँवर अनुवाद: कनक किशोर
मेहरारू ! तूं त कमाल करेलू
जानेलू चउखट, देहरी, अँगना, दरवाजा सब तs बनावल गइल बा तोहरे खातिर, तब एकरा के लांघे के बात करेलू मेहरारू ! तूहूं न कमाल करेलू....
सदियन से तोहरा मर्द के बँवारे रहे के बा ओकरे खींचल लकीर प चले के बा as नियम के उल्टे तूं अब टेढ़-मेढ़ चाल चलतारू मेहरारू ! तूहूं न कमाल करेलू....
बाबू, भाई, ससुर, असुर, मरद, देवर आ बेटा के खियाके फेर मौन होके खाये के रहे कमी बेसी के जिकिर एने ओने ना करे के रहे बाकी अब तs तूं गाहे बगाहे सवादो खोजेलू मेहरारू ! तूहूं न कमाल करेलू...
मरद के मन माफिक अपना के ढ़ारे के रहे जे ओकर चाह ओकरे के माने के रहे मालिक से सवाल-जबाब करेलू आरे हद हो गइल ! उनका संगे बराबरी चाहेलू मेहरारू तहूं न कमाल करेलू ..
बढ़िया खात पीयत घर आ कमाऊ संगे बियाहल गइलू मरद से एक दू थप्पड़ खाइये गइलू तनीका भा ढ़ेर दुरदुरावले गइलू तऽ का! सदियन के परंपरा तुडबू? कानून का बनल, अब तू कचहरी के चक्कर लगावताडू भाई से तूं खेत-खलिहान, महल अटारी में हिस्सा चाहतारू हद बाडू मेहरारू ! तूहूं न कमाल करेलू....
सती अनुसुइया आ अहिल्या माई के कथा भुलाके सीता माता आ द्रोपदी के दुख भुलाके नारी विमर्श प खुलके बात करेलू मेहरारू! तूहूं तऽ कमाल करेलू....
सखि सलेहर जोरे बन्द कोठारी में खी खी हीही करे के रहे मरद के बतियन प5 मुस्का भर देवे के रहे तूं त खुलेआम हँसी ठहाका करेलू मेहरारू अन के जगावे के झंडा बुलंद करेलू मेहरारू । तूहूं न कमाल करेलू....
चुप
आइना बरोबर पुछेला हमरा से ई केकर करज ह5 जे उतारत जा रहल बाडू
सिमटल के सोझ करेलू खरीदारी प हुज्जत करेलू बिक्री प5 तेवर देखावेलू हर छौंक, तड़का के बाद सवाद खोजेलू अउर गाहेबगाहे झंझट करेलू
ई केकर करजा... चाहि के भाप जइसन जिनिगी घुल गइल बा हवा में
एही हवा में, हं सांचो एही हवा में एही हवा में हमार साँस कहवाँ बा? आपन एह सवालों पर हम चुप रहिला
हम चुप रहिला आइना के सवालो पर के दो मरदुआ के मुँह लागो, जरल कटल सवाल ओकर सास जइसन बवाल ओकर
हम चुपे रहिना एगो निबाहे के बा जे हमरा के बरजत बा एगो उमिर बा जे बित रहल बा आइना बरोबर...