थेरीगाथा ( 600 ई.पू.) ह5 बौद्ध भिक्षुणियन के स्त्री स्वतंत्रता के पहिला घोषणापत्र । थेरी गाथा में प्रौढ़ भिक्षुणियन के आत्म व्यक्तव्य बा आ मेहरारूअन के रचित पहिला काव्य ह। एह में संकलित कवितन में भारतीय मेहरारूअन के जिनिगी के संघर्ष आ अनुभव बा। ओकर दूगो कविता के भोजपुरी अनुवाद प्रस्तुत बा, जे उपला ऋचा के हिन्दी अनुवाद पर आधारित बा।
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कवनो फरक ना पड़ेला मेहरारू होखे से जब मन थीर बा अउर देखता सब कुछ साफ हम पूछतानी अपना से एह देह में हम का बानी मर्द भा मेहरारू ? तब हम सोचत रहनी तथागत के भाषा में।
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हम देखनी ना रहे ऊ सब हमार अनुभव जे होत रहे हमरा जे होत रहे कवनो कारण से फेर खो जात रहे अब हम आजाद बानी गंदगी से चुप आ आजाद बानी।