किसान भइया जनि लोरवा गिरावऽ।
तोहरे संवरला से धरती सोहागिन तोहरे बंसुरिया प नाचेले नागिन अपना जिनिगिया के भार जनि बनावऽ ।
तोहरा के हेंगा के बैल के बनावल ?
तोहरा मड़ड्या में आगि के लगावल?
अनुभव से अपना तू अकिल दउरावऽ।
के तोहरा मेहनत के खाला कमाई? तोहरा लइकवा के खून कहाँ जाई?
अखिया के सोझा से परदा हटावऽ।
रोअला से जुलुमिन के मउअत ना आई बकरी के पगहा ना छोड़े कसाई।
सजग हो के हाथ तनी ऊपर उठावऽ। किसान भइया, जनि लोरवा गिरावऽ।