सिपहिया, हमरा से भइल कवन चूक? खेत खरिहनिया में जिनिगी भ खटनीं टुटही मड़इया में दिन आपन कटनीं आठो पहर सहत रहनीं जाड़ अउर लूक।
केहू भइल राजा हम मथवा नववनीं देसवा के खातिर आपन खुसिया गंववनीं सानत रहनीं सतुआ में थूक।
जब-जब वोट भइल बहिया उठवनीं नेता के पाछा पाछा मूंडा उड़वनीं कबहूं ना भरनी हम आपन सनूक।
काहे हमरे छंवड़ा प गोलिया चलवले? केकरा से हुकुम लेके खूनवा बहवले?
तनिकी में काहे तानि लेलस बनूक? जवना घरी लूटल जाला राइफल आ गोलिया ओह घरी पेन्हि लेलस चूरी अउर चोलिया पाछा के होला काहे अइसन सलूक ? सिपहिया, हमरा से भइल कवन चूक?