आइल बा क्रांति के लहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर दिल्ली में राजा, दिल्ली में रानी, बहुए कनूनिया के पहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर
दिल्ली में मस्ती, दिल्ली में हस्ती संसद में बोले पपिहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर हमनीं के बैला, हमनीं के खेती दिल्ली मनावे दसहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर हमनीं के लड़नीं, हमनीं के मरनीं रानी के माथा प सेहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर हमनीं के बोली, रानी के गोली नेताजी भइलन बेबहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर हमनीं के धरती, हमनीं के दुनिया कबले पढ़े के ककहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर लाठी उठावड झंडा उड़ावड टूटी बनूकिया के पहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर दिल्ली के बान्हऽ दिल्ली के छानऽ
लाल किला नइखे लमहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर गंगा के किरिया, जमुना के किरिया जुलुमिन के तूरऽ सिकहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर आइल बा क्रांति के लहरा हो, चलऽ दिल्ली के ओर।