काहे भइल बाड़ऽ अतना उतान बबुआ 'भारत' बनी नाहीं कबो 'हिन्दुस्तान' बबुआ।
हिन्दू-मुस्लिम के लड़वलऽ सगरे दंगा फैलवलऽ गद्दी खातिर कइलऽ सभके हलकान बबुआ ।
जेकरा चिहिटी मोहाल, ओकरा खातिर बिनलऽ जाल, राज लेबे खातिर बनलऽ मलखान बबुआ।
कहवां जनम लिहलें राम, एहसे केकरा वा काम पूरा होई नाहीं तोहरो अरमान बबुआ।
मंदिर-मस्सिद के झगरा, खाली हउए एगो रगरा नाहीं देसवा के एहमें, कलेयान बबुआ।
गीता, बाइबिल, कोरान, गुरुग्रंथ सब समान दीन-दुखियन के सेवा व्रत महान वबुआ।
गौतमबुद्ध, महावीर, हरलन सभकर पीर सभके मजहब के कइलन बखान बबुआ।
जनता भइल अंखफोर होई लगले अंजोर होई हरदम ना इहवां गऊदान बबुआ।