बहल बसंती बेअरिया हो, पिया बान्हऽ पगरिया। घामा में दिन-दिन भ देहिया जरवलऽ बरखा के पानी में सपना घुलवलऽ जाड़ा में सेवलऽ बघरिया हो, पिया बान्ह पगरिया ।
महुआ के फूल नियन मातल जवानी हो गइल अचके में तीसी के घानी मिलि-जुलि के काटऽ अन्हरिया हो, पिया बान्हऽ पगरिया । ओरी त खोंता बा, खोंता में मैना कॅइची से जुलुमी कतर दिहलस डैना सागर में उठल लहरिया हो, पिया बान्हऽ पगरिया। बहल बसंती बेअरिया हो, पिया बान्हऽ पगरिया।