हम त नमन करीले गौरी का गणेश के । रउरा नासक हईं कलि का कलेश के ना ।
रउरा मुद मंगल के दाता, हई बुद्धि के विधाता, रउरा बालक हई गिरिजा महेश के । गौरी का गणेश के ना ।।
बनवनी मूस के सवारी, पूजनी पिता महतारी, रउरा नाम जपीले हरदम परेश के । गौरी का गणेश के ना ।।
राउर हाथी के बा रूप, राउर चरण पूजे सुरभूप, रउरा रक्षा करी आके भारत देश के । गौरी का गणेश ना ।।
रउरा एकदंत बलवंत, राउर आदि बा ना अंत, रउरा अंश हईं, कृष्ण करूणेश के । गौरी का गणेश के ना ।।
'भूषण' कहे जोड़ के हाथ, घऽ के चरण प रउरा माथ, हमके शरण दिला दीं राम परमेश के । गौरी का गणेश के ना ।।