आइके सरनियाँ में माँगिले भीख । दिहीं बजरंगबली हमरा के सीख ।।
तन-मन लागे मोर पर उपकार में, एक-एक साँस रहो नाम के उचार में। सुनके पिघल जाई दुखिया के चीख ।। आईके...।।
भगति का रहिया प हमके चलाई, होइके दयाल रउरा दया दरसाई । मानस के सीख दिहीं हियरा में लिख ।। आईके...।।
'भूषण' भुलाइल बारे माया का बाजार में, उभचुभ करऽतारे बीच जलधार में। आई के धराई दिहीं भगति के लीख ।। आईके...।।