हम त चरण पूजिले हनुमत ब्रह्मचारी के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।
देवि अंजनि राउर माई, पिता पवनदेव सुखदाई,
रउरा अंश हई शंकर त्रिपुरारि के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।
रउरा तेजवंत बलवीर, राउर इष्टदेव रघुवीर,
धइनी विप्रदेव के रूप, उठाके लेअइनी सुर भूप,
रउरा पीड़ हरिले दीन दुखिआरि के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।
रउरा अंत करवनीं बालि अत्याचारी के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।
लेके रघुवर के संदेश, गइनी सिंधु पार के देश,
चाह पूरा कइनी सिया सुकुमारी के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।
हर लीं 'भूषण' दीन के पीड़, कहिले चरण में रउरा गिर,
हमके शरण दिला दी राम भगत भयहारी के । रघुवर चरण पुजारी के ना ।।