सीताराम नाम एकहि आधार भाई जी । झूठो लागल बाटे माया के बाजार भाई जी ।।
दुनिया माया के दुरंगी, कहियो छुटी नाहीं तंगी । मन थिर कके करीं ना विचार भाई जी ।। सीताराम...।।
केहू रहल बा ना रही, जे-जे सजल बा से दही । इतऽ बिगड़े खातिर बनल बा संसार भाई जी ।।
सीताराम...11
बूढ़ जवान चाहे लड़िका, काल का सोझा केहू करिका । सभे होई जाई बिल्कुल लाचार भाई जी ।। सीताराम...।।
छोड़ऽ दम्भ कपट छल, करऽ मन के निरमल । 'भूषण' राम जी पर करऽ इतबार भाई जी ।। सीताराम...।।