हमरो मनवाँ हो काहे ना जपेलऽ सीताराम । संत लोग के जीवन नामवाँ शिवजी के धनवाँ ।। हमरो मनवाँ हो, महामंत्र हवे इहे नाम ।। टेक...।।
मूँस के सवारी जेकर देहिया रहे भारी । हमरो मनवाँ हो, देवगण में भइले अगुआन ।। टेक...।।
बानर के तनवाँ पाके बन गइले महानवाँ । हमरो मनवाँ हो हिया में बसवलें सीताराम ।। टेक...।।
जिनगी भर लूट-पाट, नाहीं पूजा पाठऽ। हमरो मनवाँ हो होई गइले ब्रह्म के समान ।। टेक...।।
गणिका के बनल अजामिल के बनल । हमरो मनवाँ हो, बनि जइहें तोहरो तमाम ।। टेक...।।
'भूषण' गरजिया के एतने अरजिया । हमरो मनवाँ हो, प्रभु से लगनिया आठो याम ।। टेक...।।