कोरोना के फइलल रोग, नइखे लागत कवनो जोग, भइल बा लाचार सब लोग हनुमान जी ।
चाइना से चलल काल, बुरा कइलस सबकर हाल, लाखो लोग के कइलस हलाल हनुमान जी ।
विश्व के अनेक देश, सहऽता कलेष शेष, भारतो में कइले बा प्रवेश हनुमान जी ।
घरहि में लोग बा रहत, दुखवा अभाव सहत, दूरिया बनाके बाटे रहत हनुमान जी ।
बस्ती मशान लागे, रहिया सुनसान लागे, अपनो लोग लागे अनजान हनुमान जी ।
मास्क ऽ लगाइङ्कर, लेके सेनीटाइजरऽ, धोवताटे हैण्डवास से हाथ हनुमान जी ।
दुनिया भइल बा बउरा, आइके बचाई रउरा, किरपा के ढ़ाल दिही दउरा हनुमान जी।
कोरोना के दवा बनि, विश्व के बचाई तनि, 'भूषण' के दुख दिहीं हनि हनुमान जी ।