आइ रउरा शरण में, माथ नाई चरण में, माँगिले सुबुधिया के भीख मइया शारदा ।
माया के नगरिया में, कुचकुच अन्हरिया में, सूझत नइखे रहिया के लीख मइया शारदा ।
दिहतु नजरिया फेरी, करतु ना तनिको देरी, गोदिया में लेके देतु सीख, मइया शारदा ।
एक हाथे लेलु पुस्तक, ज्ञान से भरेलू मस्तक, जीव के जगावऽ देके दस्तक, मइया शारदा ।
दूजे हाथे माला धनऽ, जप में लगा के मनऽ, भगति के बॉटेलू रतन, मइया शारदा ।
सुनिके वीणा के तानऽ, मुरुदो में आवे जानऽ, भरेला आकाश में उड़ान, मइया शारदा ।
जाला जे शरण रउरा, होके ना रहेला बउरा, ढ़ाल देलु ज्ञानवाँ के दउरा, मइया शारदा ।
कालि के बनवलू कवि, ज्ञान के उगवलू रवि, दुनिया में निखरल छवि, मइया शारदा ।
तुलसी, कबीर, सूर, मीरा भइली मशहूर,
कविता रचे के देलू लूर, मइया शारदा ।
जेकरा ना रहे ज्ञान, कइ दिहलु बुद्धिमान, जग में बढ़वलू ओकर मान, मइया शारदा ।
देई दऽ चरण धूल, माफ क दऽ चुक भूल, 'भूषण' पर होजा अनुकूल, मझ्या शारदा ।