थोड़े दिन के जिनगी बा, करऽ निमन काम, हमरो मनवाँ हो, ना तऽ होइब जग में बदनाम ।। हमरो मनवाँ हो...।।
एक लेखा रहेला ना केहूके समइया, उगेला झड़ेला जइसे पेड़ के पतइया । बरखा के बाद जइसे उगि जाला घाम ।। हमरो मनवाँ हो...।।
करम के रेख नाही केहू मिटाई, करबऽ कमाई तइसन आगे-आगे आई । भूलके ना करिहऽ तू बुरा कवनो काम ।। हमरो मनवाँ हो...।।
नीतिया का पथ से ना कबहूँ तू डोलिहऽ, मुखवा से राम नाम हरदम बोलिहऽ । राम जी बनाई दिहें बिगड़ल काम ।। हमरो मनवाँ हो...।।
राम का सरनियाँ में 'भूषण' तू रहिहऽ, दुःख-सुख आवे तवन चुपचाप सहिहऽ । मनवाँ के घोड़वा पर रखिहऽ लगाम ।। हमरो मनवाँ हो...।।