एक बेर ताक दिहीं वीर बजरंगी । जनम जनमवाँ के छुट जाई तंगी ।।
शंकर के हई रउरा एकादस अवतार । कान्ह पर उठवनीं रउरा राम जी के भार ।। संकट में रहनीं रउरा सुग्रीव के संगी ।। एक बेर...।।
मान लेनीं सीता जी रउरा के पूत । रउरा के देख दूर भागे प्रेत-भूत ।। राम नाम रसिक रउरा हई सतसंगी ।। एक बेर...।।
'भूषण' भरोस एक रउरे प कइले । रउरा के छोड़ कहीं दूर नाहीं गइले ।। रंग दीं चुनरिया के मोर सतरंगी ।। एक बेर...।।